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    डोमिनिका में गिरफ्तार चोकसी को भारत लाने के लिए करना होगा लंबा इंतजार

    डोमिनिका में गिरफ्तार चोकसी को भारत लाने के लिए करना होगा लंबा इंतजार

    लेखन प्रमोद कुमार
    May 28, 2021
    12:10 pm

    क्या है खबर?

    भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी इन दिनों फिर सुर्खियों में है। एंटीगुआ की नागरिकता ले चुका चोकसी वहां से क्यूबा भागने की फिराक में था, लेकिन उसे डोमिनिका में गिरफ्तार कर लिया गया।

    इसके बाद एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने चोकसी को वापस स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि वह चोकसी को सीधे भारत भेजने के तैयार हैं।

    अब सवाल उठता है कि चोकसी को भारत लाना कितना आसान या मुश्किल है? आइये, इसका जवाब जानते हैं।

    जानकारी

    13,500 करोड़ रुपये के PNB घोटाले में शामिल था चोकसी

    गीतांजलि ग्रुप का चेयरमैन मेहुल चोकसी लगभग 13,500 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (PNB) के मुख्य आरोपियों में से एक है।

    PNB घोटाला सामने आने के बाद चोकसी भारत छोड़कर भाग गया था।

    चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी, दोनों ने फर्जी कागजों के सहारे भारतीय बैंकों से कर्ज लिया था।

    भारत से फरार होने के बाद चोकसी एंटीगुआ और बारबूडा में रह रहा है और गिरफ्तार नीरव मोदी लंदन की जेल में बंद है।

    जानकारी

    क्या डोमिनिका से चोकसी का प्रत्यर्पण आसान होगा?

    डोमिनिका कैरेबिया में मौजूद एक छोटा सा द्वीप देश है और उसकी भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है। इसका मतलब है कि डोमिनिका से चोकसी को भारत लाने में काफी कानूनी अड़चनें आ सकती है। जानकारों का कहना है कि यह मामला काफी पेचीदा है।

    फिलहाल डोमिनिका की एक अदालत ने भी चोकसी को वापस एंटीगुआ भेजने की अनुमति नहीं दी है। इस मामले में शुक्रवार को अगली सुनवाई होनी है।

    अड़चन

    चोकसी का एंटीगुआ का नागरिक होना अड़चन

    मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, डोमिनिका से चोकसी को भारत लाया जाना उतना आसान नहीं है, जितना ब्राउन के बयान से दिख रहा है।

    इसके लिए चोकसी का एंटीगुआ का नागरिक होना मायने रखता है। यह भी देखा जाएगा कि क्या उसने डोमिनिका के किसी कानून का उल्लंघन किया है। अगर ऐसा पाया जाता है तो इसका फैसला होना बाकी है कि उस पर डोमिनिका की कानूनों के तहत उस पर मुकदमा चलाया जाता है या नहीं।

    जानकारी

    जिन देशों से संधि नहीं, वहां से कैसे होता है प्रत्यर्पण?

    भारत की एंटीगुआ और बारबुडा के साथ प्रत्यर्पण संधि है, लेकिन डोमिनिका उन 58 देशों में शामिल नहीं हैं, जिनसे भारत ऐसी संधि है।

    जिन देशों के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है, वहां से भगोड़ों को वापस लेना मुख्य तौर पर वहां की सरकार पर निर्भर करता है।

    कई बार आरोपियों या अपराधियों का प्रत्यर्पण भारत द्वारा उन देशों को भरोसा और अपराधियों से बेहतर सलूक के आश्वासन देने के बाद ही संभव हो पाता है।

    मेहुल चोकसी

    डोमिनिका ने दिए वापस एंटीगुआ भेजने के संकेत

    डोमिनिका के राष्ट्रीय सुरक्षा और गृह मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि चोकसी को वापस एंटीगुआ भेजा जा सकता है।

    मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि चोकसी को अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वो उसकी नागरिकता का पता लगाने के लिए एंटीगुआ सरकार के संपर्क में है।

    मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में सूचना मिलने के बाद चोकसी को एंटीगुआ प्रत्यर्पित करने का इतंजाम किया जाएगा।

    प्रत्यर्पण

    भारत की उम्मीद का क्या आधार?

    चोकसी के भारत प्रत्यर्पण की उम्मीद के पीछे कई आधार हैं।

    दरअसल, एंटीगुआ चोकसी को मुसीबत के तौर पर देख रहा है और वह नहीं चाहता कि भगोड़ा कारोबारी वापस लौटकर उसके देश में जाए। एंटीगुआ चोकसी की नागरिकता रद्द करने का भी प्रयास कर रहा है।

    इसके अलावा भारत ने डोमिनिका को कोरोना वायरस वैक्सीन की हजारों खुराकें भेजी थी। कोरोना संकट से पहले भी भारत 2011, 2015 और 2017 में डोमिनिका की मदद कर चुका है।

    प्रयास

    भारत ने शुरू किए प्रत्यर्पण के प्रयास

    चोकसी की गिरफ्तारी के बाद से ही भारत उसके प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ और डोमिनिका की सरकारों के संपर्क में है।

    न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, पोर्ट स्पेन में भारत के उच्चायुक्त अरुण प्रकाश साहू अगले हफ्ते डोमिनिका जाकर चोकसी के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग करेंगे।

    बताया जा रहा है कि डोमिनिका की सरकार ने राजनयिक माध्यमों के जरिये साहू को चोकसी की गिरफ्तारी की जानकारी दी थी। फिलहाल चोकसी डोमिनिका की पुलिस की हिरासत में है।

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