सीरिया में शुरू हुए विद्रोह को लेकर भारत का आया पहला बयान, जानिए क्या कहा
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता के विरोध में शुरू हुए विद्रोह के बाद भारत का सोमवार को पहला बयान आया। भारत ने सत्ता हस्तांतरण के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी प्रक्रिया अपनाने पर जोर दिया है। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, "हम सीरिया में चल रहे घटनाक्रमों के मद्देनजर वहां की स्थिति पर नज़र रख रहे हैं। हम जोर देते हैं, सक्षी पक्षों को सीरिया की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाने के लिए काम करना चाहिए।"
भारत ने आगे क्या कहा?
मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की ओर से एक्स पर साझा बयान में कहा, "हम सीरियाई समाज के सभी वर्गों के हितों और आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए सीरिया के नेतृत्व में एक शांतिपूर्ण और समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया की वकालत करते हैं। दमिश्क में हमारा दूतावास भारतीय समुदाय के साथ उनकी सुरक्षा के लिए संपर्क में है।" बता दें कि भारत ने सीरिया में रहने वाले भारतीय समुदाय को सुरक्षित रहने और दूतावास से संपर्क करने को कहा है।
राष्ट्रपति ने रूस में ली है शरण
अलकायदा से जुड़ा समूह हयात तहरीर अल शाम (HTS) ने सीरिया में विद्रोह का नेतृत्व किया है। विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क समेत राष्ट्रपति अल-असद के महल पर कब्जा कर लिया है। विद्रोहियों के राजधानी में प्रवेश करते ही राष्ट्रपति अल-असद अपने परिवार के साथ रविवार को विमान से देश छोड़ने के बाद रूस पहुंच गए हैं। 59 वर्षीय तानाशाह नेता ने अपने परिवार के साथ मानवीय आधार पर मॉस्को में शरण ली है।