गुजरात: किशोरी का गर्भपात कर कचरे में फेंका भ्रूण, आरोपी डॉक्टर सहित दो गिरफ्तार
गुजरात के अहमदाबाद में एक 15 साल की किशोरी के यौन शोषण और गर्भपात का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने पांच माह की गर्भवती किशोरी का गर्भपात कर भ्रूण को कचरे में फेंक दिया। लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने भ्रूण को बरामद कर जांच शुरू की और किशोरी का पता लगा लिया। किशोरी के बयान के आधार पर पुलिस ने डॉक्टर और यौन शोषण करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी डॉक्टर ने 15,000 रुपये में किया गर्भपात
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी डॉक्टर मणिनगर क्षेत्र निवासी चेतन शाह (59) है और आरोपी युवक सुनील सरगरा (19) है। आरोपी डॉक्टर पिछले 29 साल से वातवा GIDC क्षेत्र केवल मेडिकेयर सेंटर हॉस्पिटल चला रहा था। गत 6 जुलाई को उसने किशोरी से 15,000 रुपये लेकर उसके पांच माह के गर्भ का गर्भपात कर दिया और घर जाते समय रास्ते में कचरे में फेंक दिया। लोगों की सूचना पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
तकनीकी सबूतों के आधार पर डॉक्टर तक पहुंची पुलिस
पुलिस ने बताया कि भ्रूण मिलने के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उसके बाद मामले की जांच शुरू की और तकनीक की मदद से आरोपी डॉक्टर का पता लगा लिया। पुलिस ने शनिवार को आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया और उसने अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 318 (बिना सूचना गर्भपात कर भ्रूण का निस्तारण) के तहत मामला दर्ज किया है।
युवक ने किशोरी का यौन शोषण कर किया गर्भवती
पुलिस ने बताया कि किशोरी ने बताया कि उसकी सुनील सरगरा से दोस्ती थी। इसी का फायदा उठाकर आरोपी युवक ने उसके साथ शारीरिक संबंध बना लिया और उसे गर्भवती कर दिया। इसके बाद युवक ने किशोरी से मिलना छोड़ दिया। किशोरी के बयान के आधार पर युवक को यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी युवक के खिलाफ रेप और POCSO अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज किया है।
यह है गर्भपात का नियम
महिलाओं के अधिकार, उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 29 जनवरी, 2020 को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 में बदलाव करते हुए गर्भपात कराने के लिए अधिकतम सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने की अनुमति दे दी है। इसके लिए दो रजिस्टर्ड डॉक्टर्स की अनुमति होना जरूरी है, जिसमें एक डॉक्टर का सरकारी होना जरूरी है। बिना अनुमति के गर्भपात करना कानूनन अपराध है।
देहरादून में भी कचरे में पड़ी मिली नवजात बच्ची
अहमदाबाद में जहां पांच महीने के गर्भवती का गर्भपात कर भ्रूण को कचरे में फेंका गया है, वहीं उत्तरखंड के देहरादून में किसी महिला ने प्रसव के बाद अपनी नवजात बच्ची को कचरे में फेंक दिया। नवजात के रोने की आवाज सुनकर लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने नवजात को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। पुलिस अब मामले की जांच करते हुए अपराध करने वाली महिला का पता लगाने में जुटी है।