मुंबई पुलिस ने नष्ट की 3,000 किलो से अधिक ड्रग्स, क्या है इसकी प्रक्रिया?
मुंबई पुलिस ने बुधवार को 14 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत की 3,092 किलो ड्रग्स को नष्ट किया गया था। ड्रग्स की यह मात्रा मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल ने बीते एक साल के दौरान 26 मामलों जब्त की थी। नष्ट की गई ड्रग्स में 3,000 किलो गांजा, 3.2 किलो चरस, 24 ग्राम कोकिन, करीब 160 ग्राम हेरोइन और दूसरे मादक पदार्थ शामिल थे। आइये जानते हैं कि जब्त की गई ड्रग्स को कैसे नष्ट किया जाता है।
कहां रखी जाती है जब्त की गई ड्रग्स?
इंडियन एक्सप्रेस ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि जब्त होने के बाद ड्रग्स को जांच के लिए केमिकल लैबोरेट्री भेजा जाता है। यहां से रिपोर्ट मिलने के बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत उसका सैंपल लेती है ताकि ट्रायल के दौरान उसे सबूत के तौर पर पेश किया जा सके। बाकी ड्रग्स पुलिस द्वारा तय स्थान पर रख दी जाती है। मुंबई पुलिस जब्त ड्रग्स को आजाद मैदान स्थित एंटी नारकोटिक सेल के कार्यालय में रखती है।
ड्रग्स नष्ट करने का फैसला कौन करता है?
वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, हर कानून प्रवर्तन एजेंसी को एक ड्रग डिस्पोजल कमेटी (DDC) का गठन करना होता है। इस कमेटी में तीन सदस्य हो सकते हैं और इसका प्रमुख पुलिस अधीक्षक (SP), कस्टम के संयुक्त कमिश्नर या डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) के संयुक्त कमिश्नर के समान या उनसे ऊपर के पद पर आसीन अधिकारी हो सकता है। यह कमेटी विभाग के प्रमुख के अधीन काम करती है।
रिपोर्ट मिलने के बाद लिया जाता है नष्ट करने का फैसला
हर कुछ महीनों के बाद DDC एक बैठक करती है। जब बड़ी मात्रा में जब्त ड्रग्स की केमिकल लैबोरेट्री की रिपोर्ट मिल जाती है तो कमेटी ड्रग्स को नष्ट करने का फैसला करती है।
ड्रग्स नष्ट करने की प्रक्रिया क्या होती है?
मुंबई में ड्रग्स नष्ट करने का प्रभार मुंबई वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MWMCL) को सौंपा गया था। DDC की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद जब्त की गई ड्रग्स को उन्हें नष्ट करने वाली जगह ले जाया गया। यहां पर DDC सदस्यों की मौजूदगी में उच्च तापमान वाली एक भट्ठी में डालकर ड्रग्स को नष्ट किया गया था। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा का बेहद ख्याल रखा जाता है और फोटोग्राफी की जाती है।
ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए है NDPS एक्ट
देश में ड्रग्स और दूसरे नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी भी नशीले पदार्थ की गैर कानूनी तरीके से खेती, उत्पादन, निर्माण, भंडारण, बिक्री, परिवहन या उपयोग को प्रतिबंधित करना है। इसमें जमानत मुश्किल होती है और इसका उल्लंघन करने पर कठोर कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। इसमें साल 1988, 2001 और 2014 में संशोधन भी किया जा चुका है।
बार-बार अपराध करने पर है मृत्युदंड का प्रावधान
NDPS एक्ट में किसी व्यक्ति बार-बार अपराध करने पर पहले दी गई सजा की तुलना में हर बार डेढ़ गुना अधिक सजा दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा धारा 31 (क) के तहत उसे मृत्युदंड भी दिया जा सकता है।