मुख्तार अंसारी: प्रतिष्ठित परिवार से आने वाला शख्स कैसे बन गया माफिया?
उत्तर प्रदेश के नेता और माफिया मुख्तार अंसारी की 28 मार्च की देर रात मौत हो गई है। वह बांदा जेल में बंद था। बताया जा रहा है कि जेल में ही उसे हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। मुख्तार लगातार 5 बार विधायक रह चुका था और 2005 से जेल में बंद था। आइए आज मुख्तार की कहानी जानते हैं।
प्रतिष्ठित परिवार में हुआ मुख्तार का जन्म
30 जून, 1963 को गाजीपुर के युसुफपुर-मुहम्मदाबाद में एक प्रतिष्ठित परिवार में मुख्तार का जन्म हुआ था। मुख्तार के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1948 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में शहादत के लिए महावीर चक्र दिया गया था। उन्हें 'नौशेरा के शेर' कहा जाता था। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार के करीबी रिश्तेदार लगते हैं।
छात्र नेता के तौर पर शुरू की थी राजनीति
अंसारी ने 1990 के दशक की शुरुआत में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्र संघ नेता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। इसके बाद वह 1996 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट पर पहली बार मऊ सीट से विधायक के रूप में चुना गया। अंसारी ने कुछ ही समय में अपने राजनीतिक कद को मजबूत कर लिया और पूर्वांचल क्षेत्र के एक बड़े बाहुबली नेता के तौर पर अपनी पहचान बना ली।
कैसे हुई अपराध जगत में एंट्री?
जब मुख्तार मात्र 15 साल का था, तब ही उसने अपराध की दुनिया में कदम रख लिया था। तब गाजीपुर के सैदपुर पुलिस थाने में मुख्तार के खिलाफ पहली बार धमकी देने के मामले में मामला दर्ज हुआ था। 1986 में गाजीपुर के मुहम्मद थाने में मुख्तार के ऊपर हत्या का पहला मुकदमा लिखा गया। धीरे-धीरे मुख्तार ने अपनी गैंग बना ली और उसकी पहचान बाहुबली नेता के तौर पर हो गई।
1996 में पहली बार बना विधायक
1996 में मुख्तार ने पहली बार विधायक का चुनाव जीता। इसके बाद 2002, 2007, 2012 और फिर 2017 में भी लगातार जीत दर्ज की और 24 साल तक विधानसभा सदस्य रहा। मुख्तार ने आखिरी 3 चुनाव तो जेल में बंद रहते हुए लड़े और जीत दर्ज की। बीच में मुख्तार ने खुद की पार्टी भी बनाई। मुख्तार के परिवार के कई सदस्य भी राजनीति में रहे हैं या सक्रिय हैं।
कृष्णानंद राय की हत्या
2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कृष्णानंद राय ने गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट पर मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को हरा दिया था। मुख्तार को ये बात नागवार गुजरी और उसने कथित तौर पर राय की हत्या की साजिश रची। एक कार्यक्रम से लौट रहे राय की गाड़ी को चारों तरफ से घेर कर अंधाधुंध फायरिंग की गई। हमलावरों AK-47 से करीब 400 गोलियां चलाईं। इस घटना में गाड़ी में सवार सभी 7 लोग मारे गए।
मुख्तार पर 52 मामले दर्ज
मुख्तार पर उत्तर प्रदेश में 52 मामले दर्ज हैं। बीते 18 महीनों में मुख्तार को 8 मामलों में दोषी पाया गया है या सजा हुई है। अब तक मुख्तार की 192 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ती या तो ध्वस्त की जा चुकी है या जब्त हो चुकी है। हाल ही में वाराणसी की एक कोर्ट ने फर्जी दस्तावेजों से हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के 36 साल पुराने मामले में मुख्तार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
कितना बड़ा है मुख्तार का परिवार?
मुख्तार के भाई अफजाल 1986 से लेकर 1996 तक लगातार विधायक रहे हैं। फिलहाल वे गाजीपुर से सांसद हैं। अफजाल को भी 4 साल की सजा हुई है। उसके दूसरे भाई सिगबतुल्ला भी 2 बार विधायक रहे हैं। मुख्तार के 2 बेटे हैं- अब्बास और उमर। अब्बास शॉटगन शूटिंग के चैंपियन रह चुके हैं, लेकिन फिलहाल जेल में बंद है। उमर ने विदेश में पढ़ाई की है और अभी फरार चल रहा है।