गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा, जानें किस मामले में दोषी करार
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को वाराणसी की एक कोर्ट ने फर्जी दस्तावेजों से हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के 36 साल पुराने मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
सांसद-विधायक कोर्ट ने उन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अंसारी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420, 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 120B (आपराधिक साजिश) और शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत दोषी ठहराया गया है।
फैसला
बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही में शामिल हुए अंसारी
पंजाब की जेल से उत्तर प्रदेश लाए जाने के बाद अंसारी 2021 से बांदा जेल में बंद हैं। बुधवार को अंसारी जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की सुनवाई में शामिल हुए।
पिछले साल दिसंबर में अंसारी को 1997 में एक कोयला व्यापारी को जान से मारने की धमकी देने पर साढ़े 5 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी।
उत्तर प्रदेश में अंसारी पर 65 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 8 में उन्हें दोषी ठहराया गया है।
घटना
क्या है फर्जी दस्तावेज से लाइसेंस लेने का मामला?
अंसारी ने 1987 में दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए जिलाधिकारी गाजीपुर के यहां आवेदन किया था। आरोप था कि लाइसेंस जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से लिया गया।
1990 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने धोखाधड़ी का खुलासा किया। उसने अंसारी और तत्कालीन उपजिलाधिकारी समेत 5 के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई।
मामले में तत्कालीन गाजीपुर जिलाधिकारी आलोक रंजन और पूर्व पुलिस महानिदेशक देवराज नागर समेत 10 गवाहों के बयान दर्ज हुए थे।