भारत में हीटवेव: दिल्ली में असहनीय और बेंगलुरु में क्यों बेहतर है स्थिति?
इस समय पूरा भारत भीषण गर्मी की चपेट में चल रहा है। इसके चलते लोगों को दिन में घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली का औसत तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा, जबकि कई इलाकों में यह 48 से अधिक पहुंच गया। हालांकि, बेंगलुरु में स्थिति थोड़ी राहत वाली है। ऐसे में आइए इस अंतर के पीछे का कारण जानते हैं।
बढ़ती सापेक्ष आर्द्रता के कारण बढ़ रही गर्मी
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने तेजी से बढ़ती गर्मी और हीटवेव के कारणों को जानने के लिए एक अध्ययन किया है। इसमें कहा गया है कि पिछले 2 दशक में बढ़ी सापेक्ष आर्द्रता के कारण दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता और हैदराबाद में लोगों को असहनीय गर्मी का सामना करना पड़ा है। यह स्थिति आने वाले समय में और विकट हो जाएगी। हालांकि, दिल्ली और बेंगलुरु की स्थिति में अंतर रहेगा।
अध्ययन में और क्या सामने आए बढ़ती गर्मी के कारण?
अध्ययन के अनुसार, तेजी से बढ़ती गर्मी 'अरबन हीट आइलैंड' प्रभाव के कारण है। इसमें शहरों में तेजी से होते निर्माण गर्मी को बढ़ा रहे हैं, हरियाली को कम कर रहे हैं और आबादी बढ़ा रहे हैं। इसी तरह मानवीय गतिविधियां भी गर्मी और हीटवेव में बढ़ोतरी का बड़ा कारण है। अध्ययन में कहा गया है कि इन कारणों से शहर के केंद्र अधिक गर्म हो रहे हैं। लोगों को रात में भी राहत नहीं मिल रही है।
आद्रता से बढ़ती गर्मी दे रही ये घातक परिणाम
अध्ययन के अनुसार, बढ़ती आद्रता और गर्मी शरीर को ठंडा रखने वाले तंत्र को प्रभावित करती है, जिससे लोग बीमार हो जाते हैं। गंभीर हालातों में लोगों की मौत तक हो जाती है। वर्तमान में बढ़ता तापमान और आद्रता हीटवेव के खतरे को लगातार बढ़ा रहे हैं। इससे लोग बुरी तरह से बेचैन हो रहे हैं। राजस्थान में तो स्थिति सहनशीलता के बाहर पहुंच चुकी है और बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही है।
हीटवेव के दिनों की संख्या में हुआ इजाफा
गर्मी और आद्रता बढ़ने से हीटवेव के दिनों की संख्या भी बढ़ी है। ओडिशा में 18 और पश्चिम बंगाल में 16 हीटवेट दिन दर्ज किए जा चुके हैं। राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में स्थिति विकट है। यहां अगले तीन दिन और हीटवेव रह सकती है। अध्ययन में पिछले दशक में औसत आर्द्रता में 5-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हैदराबाद में सर्वाधिक 10 प्रतिशत की वृद्धि रही, जबकि मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में क्रमशः 8, 7 और 5 प्रतिशत रही।
बेंगलुरु में मिल सकती है थोड़ी राहत
अध्ययन के अनुसार, बेंगलुरु में गर्मी और आद्रता में ज्यादा बड़ा इजाफा नहीं हुआ है। यही कारण है कि यह शहर प्री-मानसून की तुलना में मानसून में अन्य शहरों के मुकाबले अधिक ठंडा रहता है और यहां बारिश भी अच्छी होती है। इससे गर्मी में यहां हालत ज्यादा बदतर नहीं होते हैं। इसके उलट मुंबई और कोलकाता में मानसून का समय अधिक गर्म हो गया है और चेन्नई में पहले के मुकाबले इस मौसम में शीतलता थोड़ी कम हुई है।
दिल्ली में क्यों असहनीय हो रही है गर्मी?
अध्ययन के अनुसार, दिल्ली में तेजी से बढ़ी गर्मी सीधे तौर पर निर्मित क्षेत्रों में बढ़ोतरी से जुड़ी है। जैसे-जैसे शहर का विस्तार हुआ है, निर्मित क्षेत्र 2003 में 31.4 प्रतिशत से से बढ़कर 2022 में 38.2 प्रतिशत हो गया है। इससे शहर के बीच गर्मी बढ़ गई है। हरियाली दिन के तापमान को तो कम करने में मदद करती है, लेकिन रात की गर्मी या बढ़ते तापमान को प्रभावित नहीं करता है। इससे दिन में गर्मी बढ़ रही है।