ट्रेनिंग के लिए रूस भेजे जाएंगे गगनयान मिशन के लिए चुने गए भारतीय वायुसेना के पायलट
भारत दिसंबर, 2020 तक गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष में मानव भेजेगा। मिशन पर जाने के लिए भारतीय वायुसेना ने जिन टेस्ट पायलटों का चयन किया है उन्हें अंतिम चयन के लिए रूस भेजा जाएगा। वायुसेना की मेडिकल सर्विस के महानिदेशक एयर मार्शल एमएस बुटोला ने कहा कि अंतरिक्ष में जाने वाले पायलटों के चयन का काम तय समय के अंदर पूरा कर लिया गया है और अंतरिक्ष में जाने वाले पायलटों का अंतिम चयन रूस में किया जाएगा।
तीन देश भेज चुके हैं अंतरिक्ष में मानव मिशन
बुटोला ने कहा कि आगे का काम पेचीदा, गंभीर और समय लेने वाला है। कई विकसित देशों को इसमें चुनौतियों का सामना करना पड़ा है और उन्होंने अंतरिक्ष में मानव भेजने के मिशन को टाल दिया। गौरतलब है कि भारत से पहले केवल अमेरिका, चीन और रूस तीन देश ही ऐसे हैं जिन्होंने यह मिशन पूरा किया है। ऐसे में अगर भारत का यह मिशन सफल रहता है तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
सितंबर में हो चुका पायलटों के समूह का चयन
बुटोला ने कहा कि जिन देशों ने अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजे हैं, उन्होंने पहले जानवरों को भेजकर प्रयोग किया था, लेकिन भारत ऐसा नहीं कर रहा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष में सीधा मानव भेजेगा। पायलटों के चयन का काम इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) का सौंपा गया था। IAM ने सितंबर में पायलटों के उस समूह का चयन किया था, जिसमें से अंतरिक्ष में भेजने के लिए तीन अतंरिक्ष यात्रियों का चयन होगा।
क्यों खास है IAM?
बेंगलुरू में स्थित IAM भारत और दक्षिण एशिया का एकमात्र ऐसा इंस्टीट्यूट है जहां एयरोस्पेस मेडिसन की रिसर्च होती है। रिसर्च के अलावा यहां पर पायलटों को ट्रेनिंग भी दी जाती है। पहले इस इंस्टीट्यूट को एविशन मेडिसन के नाम से जाना जाता था। इस इंस्टीट्यूट ने 1980 के दशक में भारत-सोवियत रूस के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में मेडिकल सहायता दी थी। एक अधिकारी ने बताया कि यहां के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए ISRO ने इसका चुनाव किया था।
मिशन की तैयारियों में जुटा ISRO
ISRO इस मिशन की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गया है। कुछ दिन पहले ISRO प्रमुख के सिवन ने कहा था, "हम गगनयान मिशन को अगले साल तक पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए हम कई विकल्पों पर काम कर रहे हैं।" इस मिशन पर तीन अतंरिक्ष यात्रियों को सात दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। केंद्र सरकार ने गगनयान मिशन के लिए 10,000 करोड़ रुपये के बजट की मंजूरी दी थी।