ऑफिस में शॉर्ट स्कर्ट पहनकर आने वाली महिलाओं को बोनस देगी यह कंपनी
सोशल मीडिया पर भले ही लोग इस कदम को घृणित और सेक्सिस्ट मान रहे हैं, लेकिन रूस की एक कंपनी जून में महिलाओं को शॉर्ट स्कर्ट पहनने पर बोनस देने के अपने फ़ैसले पर टिकी हुई है। जानकारी के अनुसार, रूसी एल्युमिनियम कंपनी टाटप्रूफ (Tatprof) ने 'नारीत्व मैराथन' अभियान शुरू किया है। इसके अंतर्गत महिला कर्मचारियों को उनके वेतन से अलग 100 रुबल (लगभग 106 रुपये) रोज़ाना अधिक दिए जाएँगे, अगर वो काम पर कुछ ख़ास कपड़े पहनकर आती हैं।
प्रूफ़ के तौर पर भेजनी होगी कंपनी को फोटो
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह अतिरिक्त पैसा पाने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना होगा। जैसे स्कर्ट या कोई भी पोषाक घुटने से पाँच सेंटीमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए और कंपनी को प्रूफ़ के तौर पर उसकी फोटो भेजनी होगी।
लोगों ने ट्विटर पर जमकर की आलोचना
कंपनी की इस घोषणा ने कई लोगों को सोशल मीडिया पर नाराज़ भी किया है। लोगों ने जमकर इसकी आलोचना की है। एक व्यक्ति ने लिखा "वाह..... तो टाटप्रूफ रूस में अपने कर्मचारियों के लिए नारीत्व प्रतियोगिता चला रही है। ऐसा लगता है जैसे बॉस को इसपर गर्व है। यह अपनी शक्ति का दुरुपयोग और महिलाओं का शोषण करना है।" वहीं, एक अन्य यूज़र ने लिखा, "2019 में यह बहुत चौंकाने वाला है।"
स्कर्ट पहनकर आने वाली महिलाओं को देखकर बन जाएगा पुरुषों का दिन
एक अन्य यूज़र ने पुरुष प्रधान मानसिकता पर हमला करते हुए लिखा, "स्कर्ट पहनकर आने वाली महिलाओं को 100 रुबल का बोनस, पुरुषों का दिन बना देगा। हमें नारीवाद की आवश्यकता क्यों है, जब हम सिर्फ़ पैसों के लिए पुरुषों को ख़ुश कर सकते हैं।"
'टीम को एकजुट करने का है शानदार तरीका'
इस अभियान के बारे में रूसी रेडियो स्टेशन गोविरिट से बात करते हुए कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि यह अभियान सेक्सिस्ट नहीं है और पता चला है कि 60 महिलाओं ने पहले ही इसमें भाग लिया है। उन्होंने आगे कहा, "हम अपने काम के दिनों को और बेहतर बनाना चाहते थे। हमारी टीम में लगभग 70% पुरुष कर्मचारी हैं। इस तरह के अभियान आराम देते हैं। इसके अलावा यह टीम को एकजुट करने का शानदार तरीका है।"
महिलाओं में बढ़ेगी जागरूकता
प्रवक्ता ने कहा, "कई महिलाएँ काम पर पतलून पहनती हैं। यही वजह है कि हम आशा करते हैं कि इस अभियान से महिलाओं में जागरूकता बढ़ेगी। जब वे स्कर्ट पहनती हैं, तो वो अपने नारीत्व और आकर्षण को महसूस करती हैं।"
कंपनी के CEO के हैं ये सभी विचार
अभियान के बारे में बताते हुए टाटप्रूफ के कॉर्पोरेट कल्चर विभाग में काम करने वाली अनास्तासिया किरिलोवा ने कहा ये विचार CEO सर्गेई रचकोव के थे। किरिलोवा ने बिजनेस ऑनलाइन को बताया, "वह कंपनी में प्रत्येक महिला कर्मचारी में महिलाओं के गुण बनाए रखना चाहते हैं, ताकि उन्हें पुरुषों की तरह बाल न रखने हों, पतलून न पहननी पड़ें, वो ख़ुद को हस्तकला में शामिल कर सकें और अपने बच्चों की परवरिश अच्छी तरह से कर सकें।"
अगले महीने किया जाएगा अन्य कार्यक्रमों का आयोजन
बता दें कि इस अभियान के अलावा कंपनी अगले महीने अन्य नारीत्व कार्यक्रमों का भी आयोजन कर रही है। उसमें यह देखा जाएगा कि कौन महिला सबसे तेज़ डंपलिंग्स बनाने में माहिर है। इसके अलावा पुरुषों के लिए पुल-अप्स प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।