सिद्धारमैया के खिलाफ FIR दर्ज, MUDA घोटाले में मैसूर लोकायुक्त ने की कार्रवाई
मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़े कथित भूमि घोटाले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया घिरते नजर आ रहे हैं। अब उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मैसूर लोकायुक्त में ये मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत के आदेशानुसार लोकायुक्त ADGP मनीष खरबीकर के निर्देश पर मैसूर लोकायुक्त SP उदेश के नेतृत्व में FIR दर्ज की गई है। मामले पर अभी सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
FIR में सिद्धारमैया की पत्नी भी आरोपी
लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम और भूमि कब्जा निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है। FIR में सिद्धारमैया को आरोपी नंबर एक, उनकी पत्नी को आरोपी नंबर 2 और उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी को तीसरे नंबर के आरोपी के तौर पर नामित किया गया है। हालांकि, किन धाराओं में FIR दर्ज हुई है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। लोकायुक्त SP उदेश ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर FIR दर्ज की है।
कोर्ट ने दिए थे FIR के आदेश
25 सितंबर को कर्नाटक की एक विशेष अदालत ने सिद्धारमैया के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने राज्य के लोकायुक्त को भी मामले की जांच करने का निर्देश देते हुए 3 महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इससे एक दिन पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी सिद्धारमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने राज्यपाल द्वारा मुकदमा चलाने की मंजूरी रद्द करने की मांग की थी।
खड़गे बोले- सिद्धारमैया नहीं देंगे इस्तीफा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा, "MUDA के लोग जो चाहें वे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन लोगों निजी तौर पर कोई भी अपराध यदि किया हो तो इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार हैं, लेकिन वह ऐसा मानते हैं कि उन्होंने ऐसा कोई भी अपराध नहीं किया है। सिद्धारमैया और पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है।"
क्या है MUDA घोटाले से जुड़ा मामला?
दरअसल, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसूर के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी, जो उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उपहार में दी थी। इस जमीन को MUDA ने विकास के लिए अधिग्रहित किया था, जिसके बदले पार्वती को विजयनगर तीसरे और चौथे चरण के लेआउट में 38,283 वर्ग फीट की जमीन दी गई। आरोप है कि केसारे गांव की तुलना में इस जमीन की कीमत काफी ज्यादा है।