जोशीमठ में जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों को बाहर निकालने का अभियान शुरू, मुख्यमंत्री करेंगे दौरा
क्या है खबर?
स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के बाद उत्तराखंड सरकार ने जमीन में धंसते जोशीमठ से प्रभावित परिवारों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है और उन्हें सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने गुरूवार को यह अभियान शुरू किया।
अधिकारियों के अनुसार, अभी तक 47 परिवारों को आश्रय गृहों में शिफ्ट किया जा चुका है। इन सभी परिवारों के मकानों में दरारें आ गई हैं और उनके गिरने का खतरा है।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
उत्तराखंड के चमोली जिले में लगभग 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ में जमीन धंस रही है और इसके कारण कई मकानों और सड़कों में दरार आ गई है।
अभी तक कुल 561 मकानों में दरार आने की खबर है, लेकिन यह संख्या हर रोज बढ़ रही है।
मकान धंसने के कारण इलाके के लोग दहशत में हैं और उन्हें डर है कि उनके मकान कभी भी गिर सकते हैं।
प्रदर्शन
तत्काल पुनर्वास के लिए स्थानीय निवासियों पिछले कई दिन से कर रहे थे प्रदर्शन
स्थानीय लोग पिछले कई दिन से मामले में प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और गुरुवार को भी उन्होंने प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में उन्होंने इलाके में नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) के तपोवन-विष्णुगढ़ एनर्जी प्रोजेक्ट बनाए जाने के कारण जमीन धंसने की समस्या बढ़ने की बात कही है और इसे तत्काल रोकने की मांग की।
इसके अलावा उन्होंने NTPC की एक सुरंग और बद्रीनाथ के लिए जाने वाले एक बाईपास रोड के निर्माण को रोकने की मांग भी की।
रोक
निवासियों की मांग पर सुनवाई, प्रशासन ने लगाई निर्माण कार्य पर रोक
स्थानीय लोगों की मांगों पर सुनवाई करते हुए चमोली प्रशासन ने इलाके में सभी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। इसमें NTPC का एनर्जी प्रोजेक्ट, सुरंग और बाईपास भी शामिल हैं। अगले आदेश तक ये सभी निर्माण कार्य बंद रहेंगे।
इसके अलावा NTPC और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (HCC) से प्रभावित परिवारों के लिए एडवांस में 2,000-2,000 पूर्व-निर्मित घर तैयार करने को कहा गया है। NTPC सरकार के मालिकाना हक वाली कंपनी है, वहीं HCC प्राइवेट कंपनी है।
कारण
क्यों धंस रही है जमीन?
रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले कुछ समय में जोशीमठ के आसपास के इलाके में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसके चलते घरों की बुनियाद कमजोर हो गई है और पानी का रिसाव हो रहा है।
यह इलाका बेहद संवेदनशील भी है, इसलिए यहां बड़े स्तर पर निर्माण को भी जमीन धंसने का एक संभावित कारण माना जा रहा है।
इसका सही-सही कारण पता लगाने के लिए सरकार ने विशेषज्ञों की एक टीम बनाई है, जो इलाके का निरीक्षण कर रही है।
दौरा
मामले पर करीबी नजर रखे हुए हैं मुख्यमंत्री, कल करेंगे जोशीमठ का दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं और कल वह जोशीमठ का दौरा करेंगे।
उन्होंने कहा, "जोशीमठ में भूस्खलन और मकानों में दरार के संबंध में मैं आज देहरादून में एक उच्च-स्तरीय बैठक करूंगा। मैं कल जोशीमठ जाऊंगा और स्थिति का जायजा लूंगा। भाजपा की एक टीम को भी वहां भेजा गया है।"
इससे पहले उन्होंने जोशीमठ नगर निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार से भी फोन पर बात की थी।