पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 122 सालों में सबसे गर्म रहा जुलाई महीना- IMD
अमूमन बारिश और हरियाली का अहसास कराने वाले पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में जुलाई का महीना पिछले 122 सालों में सबसे गर्म रहा है। इस दौरान इस क्षेत्र में औसतन अधिकतम तापमान 33.75 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2.30 डिग्री अधिक है। इसके चलते लोगों को खासी गर्मी का अहसास हुआ। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से शुक्रवार को जारी की गई मासिक जलवायु रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
रिकॉर्ड बारिश के बाद आई गर्मी
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में जुलाई में यह गर्मी असम और मेघालय ने जून में हुई 858.1mm बारिश के बाद आई है। दोनों राज्यों में यह बारिश 1966 में दर्ज 789.5mm के पहले के रिकॉर्ड से कहीं अधिक है। जुलाई में यहां औसत अधिकतम तापमान 33.75 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से 2.30 डिग्री अधिक रहा। इसी तरह औसत न्यूनतम 25.40 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.99 डिग्री अधिक रहा।
क्षेत्र में 1901 के बाद जुलाई में रहा सबसे अधिक तापमान
रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में जुलाई औसत तापमान 29.57 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.64 डिग्री अधिक था। उत्तर पश्चिम भारत में औसत न्यूनतम तापमान 1901 के बाद तीसरा सबसे अधिक था। पिछले महीने उत्तर पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान 23.56 डिग्री सेल्सियस के सामान्य तापमान की तुलना में 24.3 डिग्री सेल्सियस था। ऐसे में स्पष्ट होता है कि अच्छी बारिश के बाद भी जुलाई के तापमान में खासा इजाफा देखा गया है।
जुलाई में पूरे देश में हुई 327.7mm बारिश
पूरे देश में जुलाई में 327.7mm बारिश हुई, जो लंबी अवधि के औसत से 17 प्रतिशत अधिक है। यह 2001 के बाद दूसरी सबसे अधिक बारिश है। दक्षिण प्रायद्वीप में साल 1901 और 1961 के बाद दूसरी सबसे अधिक बारिश है। इसी तरह 1944, 1932, 1942 और 1956 और 1901 के बाद से मध्य भारत में पांचवीं सबसे अधिक बारिश है। इस दौरान पौड़ी, पठानकोट, श्रीनगर और सहित 12 मौसम विज्ञान केंद्रों ने सबसे अधिक वर्षा दर्ज की।
रिपोर्ट में सामने आई असमान बारिश की बात
इस रिपोर्ट में जुलाई में असमान बारिश के पैटर्न की बात सामने आई है। इससे पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में धान क्षेत्र को प्रभावित किया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून में अत्यधिक असमान बारिश धान और अन्य फसलों की खेती को प्रभावित करती है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों में इसका सबसे ज्यादा असर रहा है। हालांकि, इस क्षेत्र में मानसून की बारिश सामान्य से 8 प्रतिशत अधिक थी।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 15 प्रतिशत कम रही बारिश
5 अगस्त तक देशभर में औसत से 6 प्रतिशत अधिक बारिश होने के बाद पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में बारिश की कमी रही है। इस दौरान प्रायद्वीपीय भारत में 35 प्रतिशत, मध्य भारत 10 प्रतिशत और उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से दो प्रतिशत अधिक बारिश हुई, लेकिन पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 15 प्रतिशत कम बारिश हुई। इसी तरह पश्चिम बंगाल में 46 प्रतिशत, झारखंड 47 प्रतिशत, बिहार 33 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 42 प्रतिशत कम बारिश हुई।
कम बारिश के कारण रहा अधिक तापमान- श्रीजीत
पुणे में जलवायु निगरानी और भविष्यवाणी ग्रुप के प्रमुख ओपी श्रीजीत ने कहा, "पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में जुलाई में सबसे अधिक तापमान रहा है। इसका कारण क्षेत्र में बारिश की बड़ी कमी रहना है। इस क्षेत्र में मानसून की ट्रफ लाइन के अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण में होने के कारण बारिश की कमी रही।" उन्होंने कहा, "इस स्थिति के कारण मध्य भारत और पश्चिमी तट पर अधिक बारिश हुई, लेकिन पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र सूखा रहा गया।