किसान आंदोलन: टिकरी बॉर्डर से बैरिकेड्स हटा रही दिल्ली पुलिस, आपातकालीन रूट खोलने की योजना
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा के टिकरी बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाना शुरू कर दिया है और जल्द ही ये रास्ता आम लोगों के लिए फिर से खुल सकता है। ये बैरिकेड्स किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से ही यहां थे और इनके कारण लगभग 11 महीने से रास्ता बंद था। किसानों का कहना था कि बैरिकेड्स उन्होंने नहीं लगाए हैं और रास्ता पुलिस ने रोका हुआ है। अब किसानों की सहमति से बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं।
आठ में से चार बैरिकेड्स हटाए गए, सीमेंट के बैरिकेड्स अभी भी बाकी
गुरूवार को शुरू हुए अभियान में अब तक टिकरी बॉर्डर पर आठ में से चार बैरिकेड्स हटाए जा चुके हैं। हालांकि सीमेंट के बैरिकेड्स अभी भी रास्ते पर बने हुए हैं और इस कारण यात्रियों के लिए रास्ता नहीं खुला है। पुलिस बुलडोजर की मदद कंक्रीट की दीवारों, नुकीली कीलों और सीमेंट के बैरिकेड्स को हटाने में लगी हुई है। इनके हटने के बाद दिल्ली-रोहतक मार्ग का एक हिस्सा यातायात के लिए खुल सकता है।
पुलिस की टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर आपातकालीन रूट खोलने की योजना
दिल्ली पुलिस ने मामले पर बयान जारी करते हुए कहा कि उसकी योजना टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-उत्तर प्रदेश) पर यातायात के लिए आपातकालीन रूट खोलने की है। गाजीपुर बॉर्डर पर भी पुलिस ने कुछ ऐसी ही कार्रवाई की है। पुलिस ने कहा कि किसानों की सहमति के बाद ये कार्रवाई की जा रही है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि स्थिति का आंकलन करने के बाद ये बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने की थी रास्ते रोकने पर तल्ख टिप्पणी
बता दें कि सड़कों को घेरने को लेकर सुप्रीम कोर्ट किसान आंदोलन पर तल्ख टिप्पणी कर चुका है। कोर्ट ने कहा था कि किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों पर आवाजाही को नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने किसानों से ये भी कहा था कि उन्होंने पूरे शहर (दिल्ली) का दम घोंट दिया है और नागरिकों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। किसानों ने रास्तों को बंद करने की बात से इनकार किया है।
पिछले साल नवंबर से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं किसान
गौरतलब है कि किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 25 नवंबर, 2020 से दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे है। इससे गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, शाहजहांपुर बॉर्डर सहित कई मार्गों पर ट्रैफिक बंद है। नोएडा मार्ग के बंद होने से लोगों को 20 मिनट का सफर करने में दो घंटे का समय लग रहा है। इसी तरह शाहजहांपुर बॉर्डर पर एक तरफ का रास्ता बंद होने से दिल्ली जाने वाले लोगों का सफर लंबा हो गया है।
क्या हैं विवादित कृषि कानून?
दरअसल, मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले साल सितंबर में तीन नए कृषि कानून लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।