दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार बर्खास्त, सतर्कता विभाग ने की कार्रवाई
दिल्ली की शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है। यह आदेश दिल्ली के सतर्कता विभाग के विशेष सचिव राजशेखर की ओर से जारी किया गया है। उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की गई हैं। मुख्यमंत्री का निजी सचिव होने के नाते उनको 15 दिन का समय दिया गया है। हालांकि, उन्होंने नई नियुक्ति के लिए आवेदन दिया है।
क्यों किया गया बर्खास्त?
आदेश के मुताबिक, विभव कुमार पर उत्तर प्रदेश के नोएडा में 2007 में एक सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने और उसको धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज है। कुमार ने अपनी नियुक्ति के समय यह जानकारी नहीं दी थी, जबकि नियुक्ति के समय दर्ज मुकदमों की जानकारी देनी होती है। संभवतः इसलिए यह कार्रवाई की गई है। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। मामले में आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है।
कौन हैं विभव कुमार?
विभव कुमार इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के समय से ही अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़े हुए हैं। वह पिछले काफी समय से केजरीवाल के निजी सचिव थे। पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनसे शराब नीति मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर चल रही जांच में पूछताछ की थी और कई दस्तावेजों के बारे में पूछा था। इसके बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक दुर्गेश पाठक को भी ED ने समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था।
केजरीवाल ने मंत्री ने बुधवार को दिया था इस्तीफा
केजरीवाल को पिछले 48 घंटों के दौरान कई झटके लगे, जिसमें बड़ा झटका उनकी सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे राजकुमार आनंद का इस्तीफा था। आनंद ने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अपने इस्तीफे के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) में हो रहे कथित भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया था। बता दें कि पटेल नगर से विधायक आनंद खुद ED जांच में घिरे हैं और उनके आवास पर पिछले साल ED छापा मार चुकी है।
21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल को ED ने शराब नीति से जुड़े कथित धनशोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और 10 दिनों तक पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद ट्रॉयल कोर्ट ने केजरीवाल को 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेज दिया है। यहां पिछले 11 दिन से केजरीवाल बंद हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी को 21 दिन हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी तत्काल सुनवाई के निवेदन को ठुकराते हुए 15 अप्रैल को सुनवाई तिथि घोषित की।
केजरीवाल पर क्या आरोप हैं?
ED का आरोप है कि केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने शराब कारोबारियों के फायदे के लिए अपनी नई शराब नीति में बदलाव किए थे और इसके बदले में 100 करोड़ रुपये रिश्वत ली थी। ED ने केजरीवाल को इसका सरगना बताया है। आरोप है कि उन्होंने शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा करने वाले विजय नायर को अपना बंदा बताया था। केजरीवाल ने सभी आरोपों से इनकार किया है।