दिल्ली: IGI बना हाइड्रो और सौर ऊर्जा से संचालित होने वाला भारत का पहला हवाई अड्डा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डा लगातार नई उपलब्धियां हासिल करता रहा है। हाल ही में दुनिया का दूसरा सबसे व्यस्ततम हवाई अड्डा बनने के बाद अब IGI पूरी तरह से हाइड्रो (पानी से प्राप्त होने वाली बिजली) और सौर ऊर्जा से संचालित होने वाला देश का पहला हवाई अड्डा बन गया है। दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (DIAL) ने बुधवार को इस उपलब्धि की जानकारी दी है।
जल विद्युत संयंत्र से हो रही 94 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति- DIAL
DIAL अधिकारियों ने कहा कि यह उपलब्धि साल 2030 तक पूरी तरह से जीरो कार्बन एमिशन अवाई अड्डे के लक्ष्य को हासिल करने के लक्ष्य का हिस्सा है। IGI हवाई अड्डे पर 1 जून से कुल आवश्यकता बिजली का करीब छह प्रतिशत हिस्सा वहां स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों से मिल रहा है, जबकि 94 प्रतिशत बिजली एक जल विद्युत संयंत्र से मिल रही है। अधिकारियों ने कहा कि इस उपलब्धि से एयरपोर्ट का बिजली खर्च बहुत कम हो गया है।
DIAL ने हिमाचल प्रदेश की कंपनी से किया है करार
DIAL के प्रवक्ता ने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्र IGI हवाई अड्डे के कार्गो टर्मिनलों के एयरसाइड और छतों पर स्थापित किए गए हैं। इसी तरह 2036 तक हवाई अड्डे को जलविद्युत आपूर्ति के लिए हिमाचल प्रदेश की पनबिजली उत्पादक कंपनी के साथ बिजली खरीद समझौते (PPA) पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि IGI के पास 7.84 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र है, जबकि हाल में कार्गो टर्मिनल में 5.3 मेगावाट का एक और संयंत्र स्थापित किया है।
कम होगा दो लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड ऊर्जा उत्सर्जन
DIAL के प्रवक्ता ने कहा कि जल विद्युत और सौर ऊर्जा के इस संयोजन से हवाई अड्डे को प्रति वर्ष 2 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड ऊर्जा उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है। हवाई अड्डे ने पिछले साल नवंबर में वर्ष 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन हवाई अड्डा बनने का लक्ष्य निर्धारित किया था। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे का यह लक्ष्य 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के वैश्विक लक्ष्य से बहुत बड़ा है।
लक्ष्य हासिल करने के लिए अपनाया हरित परिवहन कार्यक्रम- जयपुरियार
DIAL के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा, "शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए हाल ही में एक हरित परिवहन कार्यक्रम अपनाया गया था और अब हरित ऊर्जा कार्यक्रम का एक और मील का पत्थर हासिल किया है।" उन्होंने कहा, "IGI हवाई अड्डा लंबे समय से सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहा है और अब जलविद्युत का भी इस्तेमाल शुरू हुआ है। यह उनके प्रयासों में एक बड़ी उपलब्धि है।"
DIAL ने अब तक क्या-क्या किए प्रयास?
बता दें कि DIAL ने शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन, उत्सर्जन को कम करने के लिए परिचालन दक्षता में सुधार और एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (ACI) शून्य कार्बन उत्सर्जन के हिस्से के रूप में ग्रीनहाउस गैसों (GHG) का प्रबंधन जैसे प्रयास किए हैं। IGI साल 2020 में ACI के हवाई अड्डा कार्बन मुक्त कार्यक्रम में '4+ स्तर' हासिल करने वाला एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला हवाई अड्डा भी बना था।
IGI पर 2019 से हो रहा है टैक्सीबॉट्स का इस्तेमाल
बता दें IGI पर 2019 ने टैक्सीबॉट्स का इस्तेमाल हो रहा है। यह वाहन विमानों को इंजन चालू किए बिना एक से दूसरी जगह ले जाता है। इससे कार्बन उत्सर्जन कम होता है। इसी तरह DIAL अब 62 इलेक्ट्रिक वाहनों को भी अपने साथ जोड़ेगा।