कोरोना: अक्टूबर-नवंबर में फिर बढ़ेंगे मामले, लेकिन 1.5 लाख से पार नहीं जाएंगे- सरकारी पैनल
क्या है खबर?
भारत में अक्टूबर-नवंबर के बीच कोरोना संक्रमण के मामले दोबारा बढ़ सकते हैं। हालांकि, इस बार इनकी संख्या दूसरी लहर जितनी नहीं होगी। नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल पैनल के प्रमुख ने यह बात कही है।
सरकार ने कोरोना संक्रमण के मामलों का अनुमान लगाने के लिए इस पैनल का गठन किया था। यह संक्रमण के संभावित प्रसार का अनुमान लगाता है, जिसके आधार पर सरकार इसे रोकने की रणनीति तैयार करती है।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
कोरोना वायरस
दैनिक मामले 1.5 लाख से ज्यादा होने के आसार नहीं- विद्यासागर
द प्रिंट से बात करते हुए इस पैनल के प्रमुख और IIT हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर ने कहा, "अगस्त तक दैनिक मामलों की संख्या 20,000 तक आ सकती है, लेकिन हम पीक के दौरान सामने आने वाले 1.5 लाख दैनिक मामलों को लेकर अधिक चिंतित हैं।"
उन्होंने कहा कि इस बार मामलों की संख्या दूसरी लहर की तुलना में कम रहेगी और दैनिक मामले 1.5 लाख से अधिक होने की संभावना नहीं है।
कोरोना संक्रमण
"9 अक्टूबर से 28 नवंबर के बीच बढ़ सकते हैं मामले"
प्रोफेसर विद्यासागर के नेतृत्व वाले इस तीन सदस्यीय पैनल ने अनुमान लगाया है कि 9 अक्टूबर-28 नवंबर के बीच संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है।
मई में पैनल ने बताया था कि अगर वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ती है तो कोरोन की तीसरी लहर दूसरी जितनी खतरनाक नहीं होगी।
IIT कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल और इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ की डिप्टी चीफ (मेडिकल) लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर इस पैनल के बाकी दो सदस्य हैं।
बयान
विद्यासागर बोले- सरकार के साथ साझे नहीं किए गए अनुमान
इस पैनल ने सूत्रा मॉडल के आधार पर यह अनुमान जताया है। हालांकि, प्रोफेसर विद्यासागर ने यह साफ किया कि इन अनुमानों को अभी केंद्र सरकार के साथ साझा नहीं किया गया है। मौका मिलने पर ऐसा किया जाएगा।
चिंता
महाराष्ट्र और केरल में कम नहीं हो रहे मामले
प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि भले ही देश में दैनिक मामलों की संख्या 25,000 के स्तर पर आ जाए, लेकिन चिंता की बात यह है कि महाराष्ट्र और केरल में अभी भी बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, "अगर हम पूरे देश के आंकड़ों पर नजर डालें तो हम देख सकते हैं कि केरल में बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। ये पता नहीं कि ऐसा क्यों हो रहा है।"
अनुमान
नए वेरिएंट बढा सकते हैं संक्रमण की रफ्तार
इसी हफ्ते पैनल के सदस्य प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा था कि अगर महामारी से बचाव के नियमों का पालन नहीं होता है तो तीसरी लहर आएगी और यह अक्टूबर-नवंबर में पीक पर पहुंच चुकी होगी।
उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर कोरोना के अधिक संक्रामक वेरिएंट सामने आते हैं तो संक्रमण की रफ्तार तेज हो सकती है।
बता दें, सरकार ने गणितीय मॉडल के आधार पर कोरोना मामलों का अनुमान लगाने के लिए पिछले साल यह पैनल बनाया था।
तैयारी
शुरू हो चुकी है तीसरी लहर के मुकाबले की तैयारियां
भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार समेत कई विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त कर चुके हैं।
समय को लेकर सबके अलग-अलग अनुमान है, लेकिन फिर भी अधिकतर का कहना है कि अक्टूबर-नवंबर तक भारत में तीसरी लहर आ चुकी होगी।
इसे देखते हुए सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। वैक्सीनेशन को तेज करने के साथ-साथ अस्पतालों में अतिरिक्त बिस्तरों के साथ-साथ ऑक्सीजन का भी इंतजाम किया जा रहा है।
कोरोना वायरस
देश में क्या है संक्रमण की स्थिति?
देश में बीते कई हफ्तों से कोरोना मामलों में गिरावट आ रही है और हालात बेहतर हो रहे हैं।
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 45,892 नए मामले सामने आए और 817 मरीजों की मौत हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,07,09,557 हो गई है। इनमें से 4,05,028 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
सक्रिय मामलों की संख्या मामूली बढ़कर 4,60,704 हो गई है।