केजरीवाल और आप कार्यकर्ताओं के खिलाफ होगी FIR, झाड़ू के साथ लहराया था तिरंगा
आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। केजरीवाल पर कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के अपमान के मामले में FIR दर्ज हो सकती है। लगभग पांच साल पुराने एक मामले में मध्यप्रदेश के सागर की एक अदालत ने केजरीवाल और AAP कार्यकर्ताओं के खिलाफ तिरंगे के अपमान मामले में FIR दर्ज करने की इजाजत दे दी है। आइये जानते हैं पूरा मामला।
अदालत की अनुमति
क्या था तिरंगे के कथित अपमान का मामला?
यह मामला साल 2014 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है। राजेंद्र मिश्र नामक एक व्यक्ति ने सागर की अदालत में याचिका दायर कर शिकायत की थी कि चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तिरंगे को झाड़ू के साथ लहराया था। याचिकाकर्ता ने इसे तिरंगे का अपमान बताया था। गौरतलब है कि झाड़ू आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह है और चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं को अकसर झाड़ू के साथ देखा जाता है।
इन जगहों पर दर्ज होंगे मामले
अदालत की अनुमति मिलने के बाद केजरीवाल और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मध्यप्रदेश के सागर, बीना, खुरई और दिल्ली में मामले दर्ज किए जाएंगे। अदालत ने पुलिस को आदेश दिया है कि अरविंद केजरीवाल, आशुतोष, राजमोहन, शाजिया इल्मी सहित आप कार्यकर्ताओं के खिलाफ तिरंगे का अपमान करने के मामले में FIR दर्ज करें। बता दें कि आशुतोष और इल्मी पार्टी छोड़ चुके हैं। मामले दर्ज होने के बाद इन लोगों की मुश्किलें बढ़ना तय है।
चुनावों से पहले पार्टी को झटका
अदालत से मामले दर्ज करने की अनुमति आने के बाद इस पर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की तरफ से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है। फिलहाल आम आदमी पार्टी इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है। ऐसे में अगर केजरीवाल के खिलाफ FIR दर्ज होती है तो यह केजरीवाल के साथ-साथ पार्टी के लिए भी बड़ा झटका होगा।
तिरंगे के अपमान पर तीन साल की सजा का प्रावधान
राष्ट्र ध्वज के अपमान पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत 3 साल तक की जेल या फिर जुर्माना या फिर दोनों की सजा का प्रावधान है। तिरंगे को जलाना, कुरूप करना, विकृत करना, खराब करना, नष्ट करना या कुछ बोलकर/लिखकर या किसी और तरीके से तिरंगे के प्रति अपमान या असम्मान जताना अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए कानून में सजा का प्रावधान किया गया है।