इस साल भयंकर गर्मी पड़ने की संभावना, IMD की चेतावनी
इस साल शुरुआत से ही गर्मी अपना रौद्र रूप दिखा सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि इस साल गर्मी का मौसम शुरूआत से ही अधिक गर्म रहने का अनुमान है। पूरे मौसम के दौरान अल-नीनो परिस्थितियों के बने रहने का अनुमान है, जिससे अधिकांश हिस्से को तेज लू का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान सामान्य से अधिक गर्मी और अधिक लू वाले दिनों के होने का अनुमान लगाया गया है।
ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक रहेगा तापमान
IMD ने कहा कि मार्च में सामान्य से अधिक वर्षा (दीर्घकालिक औसत 29.9 मिलीमीटर के 117 प्रतिशत से अधिक) हो सकती है। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि मार्च से मई में अधिकांश हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि मार्च से मई तक उत्तर-पूर्व भारत, पश्चिमी हिमालय, दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीप और पश्चिमी तट को छोड़कर अधिकांश हिस्सों में लू वाले दिनों की संख्या अधिक रहने का पूर्वानुमान है।
अल-नीनो प्रभाव के चलते बढ़ेगी गर्मी
महापात्रा ने कहा, "उत्तर-पूर्व प्रायद्वीपीय भारत-तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं उत्तरी अंदरूनी कर्नाटक तथा महाराष्ट्र और ओडिशा के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक दिनों तक लू चलने का पूर्वानुमान है। मार्च में उत्तर और मध्य भारत में लू की स्थिति बनने की उम्मीद नहीं है। अलनीनो गर्मी के पूरे मौसम में बना रहेगा तथा उसके बाद तटस्थ स्थिति बन सकती है।" आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान तापमान में बढ़ोतरी रहने की संभावना है।
मानसून के दौरान अच्छी बारिश की उम्मीद
IMD के मुताबिक, मानसून के उत्तरार्ध में ला-नीना परिस्थिति के बनने की संभावना है। यह आमतौर पर भारत में अच्छी मानसूनी वर्षा से संबंधित है। महापात्रा ने बताया, "भारत में इस साल फरवरी का औसत न्यूनतम तापमान 14.61 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1901 के बाद इस महीने में दूसरा सबसे अधिक न्यूनतम तापमान है। कुल 8 पश्चिमी विक्षोभ ने फरवरी में पश्चिमी हिमालयी राज्यों के मौसम को प्रभावित किया।"
न्यूजबाइट्स प्लस
अल नीनो एक मौसमी घटना है, जिससे मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्री सतह का पानी सामान्य से अधिक गर्म हो जाता है। इसके चलते पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाएं कमजोर पड़ती हैं और गर्म पानी पूर्व पश्चिमी तट की ओर जाने लगता है। दूसरी ओर, ला नीना अल नीनो से ठीक उलटा होता है। इसमें पूर्व से बहने वाली हवा तेज गति से चलती है, जिससे समुद्री सतह का तापमान कम हो जाता है।