#NewsBytesExplainer: मध्य प्रदेश के स्कूल पर जबरन धर्मांतरण कराने के आरोप से संबंधित मामला क्या है?
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के दमोह शहर में मौजूद गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल पर धर्मांतरण के गंभीर आरोप लगे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को मामले में स्कूल प्रबंधन की भूमिका की हर दृष्टिकोण से जांच करने को कहा है और पुलिस स्कूल के संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज कर चुकी है।
आइए जानते हैं कि स्कूल में धर्मांतरण से जुड़ा ये पूरा मामला क्या है।
मामला
कैसे हुई मामले की शुरुआत?
12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम आने के बाद गंगा जमुना स्कूल ने एक पोस्टर लगाया था, जिसमें बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले छात्रों की तस्वीर लगाई गई थी। इसमें दावा किया गया था कि स्कूल के 98.5 प्रतिशत छात्रों ने बोर्ड की परीक्षा पास की है।
इसी पोस्टर से विवाद की शुरुआत हुई क्योंकि इसमें कुछ हिंदू छात्राएं नकाब पहने हुई थीं।
इसके बाद कई हिंदू संगठनों ने स्कूल प्रबंधन पर छात्राओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया।
आरोप
स्कूल पर क्या आरोप लगे हैं?
5 जून को भाजपा के स्थानीय नेताओं ने स्कूल प्रबंधन पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि स्कूल फैकल्टी के 3 सदस्यों और यहां पढ़ने वाली अधिकांश हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण किया गया है।
मामले में फैकल्टी सदस्यों ने कहा कि स्कूल प्रशासन ने उनका जबरन धर्मांतरण नहीं किया और मुस्लिम युवकों से शादी करने के बाद उन्होंने अपना धर्म बदल लिया था। इस स्कूल में करीब 1,200 छात्र पढ़ते हैं।
भाजपा
स्कूल पर और क्या आरोप लगे हैं?
स्थानीय भाजपा नेताओं समेत कुछ संगठनों का आरोप है कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से कलमा पढ़वाए जा रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने आरोप लगाया कि दमोह के गंगा जमुना स्कूल में हिंदू छात्राओं पर दबाव डालकर उन्हें हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि स्कूल की आड़ में लव जिहाद और जिहादी साम्राज्य खड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ धर्मांतरण कानून के तहत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
आरोप
आरोपों को लेकर स्कूल प्रबंधन ने क्या कहा?
इस स्कूल का संचालन 2010 से एक गैर-सरकारी संस्था 'गंगा जमुना वेलफेयर सोसाइटी' कर रही है, जिसके अध्यक्ष मुश्ताक खान ने इस मामले में अपना पक्ष रखा है।
उन्होंने कहा कि सिर पर पहना स्कार्फ स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा है, लेकिन यह छात्राओं के लिए अनिवार्य नहीं है। वह स्वेच्छा से स्कार्फ पहन सकती हैं।
यह सोसाइटी स्कूल के अलावा दाल की मिल और कपड़ों के शोरूम इत्यादि का संचालन भी करती है।
प्रशासन
जिला प्रशासन की जांच में क्या सामने आया?
दमोह के जिलाधिकारी मयंक अग्रवाल ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) एसके मिश्रा और पुलिस से इन आरोपों की जांच करवाई। जांच रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी ने स्कूल पर लगे धर्मांतरण के आरोपों को खारिज कर दिया।
30 मई को उन्होंने ट्वीट किया, 'गंगा जमुना स्कूल के एक पोस्टर को लेकर कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही जानकारी को लेकर थाना प्रभारी कोतवाली और DEO से जांच कराने पर तथ्य गलत पाए गए। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।'
शिक्षा मंत्री
जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर राज्य सरकार का क्या कहना है?
मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दमोह जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि स्कूल की बोर्ड मान्यता रद्द कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन को क्लीन चिट देने की बजाय प्रशासन को स्कूल पर लगे आरोपों की ठीक से और विस्तृत जांच करनी चाहिए।
उनका आरोप है कि घटना की जांच में DEO ने स्कूल के बारे में गलत तथ्य पेश किए और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
गृह मंत्री
स्कूल के खिलाफ किन धाराओं में FIR दर्ज की गई है?
7 जून को मामले ने एक नया मोड़ लिया और राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दमोह पुलिस को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
इसके बाद पुलिस ने IPC की धारा 295 A (पूजा स्थल को नष्ट करना), 506 B (आपराधिक धमकी) और किशोर न्याय अधिनियम की धाराओं के तहत एक FIR दर्ज की।
पुलिस ने FIR एक छात्रा के बयान के आधार पर दर्ज की है।
NCPCR
NCPCR ने भी मामले का लिया संज्ञान
इसी बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है।
NCPCR अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने अपनी संस्था के लोगो और अन्य व्यवसायों के लिए भारत के विकृत मानचित्र का उपयोग किया है, जो बेहद ही गंभीर मामला है।
इससे पहले भी NCPCR ने दमोह में एक मिशनरी संस्था पर जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था।
मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस घटना पर नाराज़गी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं।
उन्होंने कहा, "दमोह के गंगा जमुना स्कूल से सामने आए मामले पर उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। मध्य प्रदेश की धरती पर कोई भी किसी बेटी या बच्चे को हिजाब बांधने या अलग ड्रेस पहनने पर विवश नहीं कर सकता। इसके लिए हम कठोर से कठोर कार्रवाई करेंगे।"
SIT
मामले में अभी क्या हो रहा है?
मुख्यमंत्री चौहान ने पुलिस और प्रशासन से गंगा जमुना सोसाइटी और उसके स्कूल पर लगे भूमि अतिक्रमण, GST चोरी और धर्म परिवर्तन से संबंधित आरोपों की विस्तृत जांच करने को कहा है।
इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया है, जिसमें दमोह के उप जिलाधिकारी आरएल बागरी और महिला सेल की पुलिस उपाधीक्षक भावना दांगी शामिल हैं।
अभी सोसाइटी पर लगे आरोपों की जांच की जा रही है।
क्यों
मामले की राजनीति क्या है?
मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और विशेषज्ञ इस मामले को इससे जोड़कर भी देख रहे हैं।
राज्य की राजनीति में धर्मांतरण, आतंकवाद और आतंकी फंडिंग लगातार छाए रहे हैं। आमतौर पर भाजपा को ऐसे मुद्दों से फायदा होता है और इसी कारण वह इस मुद्दे पर भी मुखर बनी हुई है।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने अभी तक मामले पर कुछ खास नहीं कहा है और उसने एक रणनीतिक खामोशी बनाई हुई है।