राजनाथ से मिलना चाहते हैं चीनी रक्षा मंत्री, जयशंकर बोले- कूटनीतिक माध्यमों से ही सुलझेगा विवाद
क्या है खबर?
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरूवार को एक अहम बयान देते हुए कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान कूटनीति के जरिए ही निकलेगा। एक किताब का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि दोनों देशों को इस विवाद का समाधान कूटनीतिक माध्यमों के जरिए ही निकालना होगा।
उनके इस बयान के बीच चीन के रक्षा मंत्री वाई फेंग ने मॉस्को पहुंचे भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का समय मांगा है।
बयान
जयशंकर बोले- सीमा पर कुछ भी होता है तो रिश्तों पर पड़ेगा असर
अपनी किताब 'द इंडिया वे: स्ट्रेटजीज फॉर एन अनसरटेन वर्ल्ड' की लॉन्चिंग के ऑनलाइन कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, "लद्दाख में हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। हमारे चीन के साथ समझौते और सहमतियां हैं... दोनों पक्षों को इन समझौतों और सहमतियों का बारीकी से पालन करना चाहिए और किसी भी पक्ष को एकतरफा यथास्थिति बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए... सीमा पर कुछ भी होता है, उसका असर रिश्तों पर पड़ेगा, आप इन्हें अलग नहीं कर सकते।"
आगे का रास्ता
कूटनीति के जरिए ही निकलेगा समाधान- जयशंकर
जयशंकर ने आगे कहा, "मैं चुनौतियों को कम करके नहीं आंक रहा हूं। मैं बहुत यथार्थवादी हूं... मैं नियमित तौर पर जमीनी स्थिति के संपर्क में हूं। लेकिन पूरा पक्का विश्वास है कि समाधान कूटनीति के जरिए ही निकलेग और मैं ये पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं।"
उन्होंने कहा, "ऐसा तभी होगा जब दोनों पक्ष ये समझेंगे कि इन गर्मियों में जो हुआ है, वो दोबारा न हो यह उनके हित में है।"
मुलाकात
चीनी विदेश मंत्री ने राजनाथ सिंह से मांगा मिलने का समय
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार भी कह चुके हैं कि भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान बातचीत के जरिए ही निकल सकता है। बातचीत पर सरकार और जयशंकर के इस जोर के बीच शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए मॉस्को पहुंचे राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री फेंग की बीच संभावित मुलाकात की खबरें भी आ रही हैं।
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, फेंग से आज राजनाथ से मिलने का समय मांगा है।
जानकारी
सरकार ने मुलाकात को दी हरी झंडी
रिपोर्ट के अनुसार, साउथ ब्लॉक ने फेंग और राजनाथ की बैठक को हरी झंडी दे दी है और उसे भरोसा है कि इससे जल्दी और पूरी तरह से सेनाएं पीछे हटाने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने में मदद मिलेगा।
तनाव
पूर्व लद्दाख में चरम पर है भारत और चीन के बीच तनाव
बता दें कि भारत और चीन के बीच मई की शुरूआत के बाद से ही पूर्वी लद्दाख में LAC पर तनाव बना हुआ है। इस 29-30 अगस्त को ये तनाव तब अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया, जब चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के किनारे पर भारतीय इलाके में घुसपैठ करने की कोशिश की।
भारतीय सैनिकों को पहले ही चीन के इन मंसूबों की भनक लग गई और उन्होंने चीनी सैनिकों से पहले ही चोटियों पर कब्जा कर लिया।
तनाव
दोनों देशों ने तैनात किए टैंक, स्थिति बेहद तनावपूर्ण
भारतीय सेना की इस शहमात से चीन बौखला गया है और उसके सैनिक कई बार इन चोटियों पर फिर से कब्जा करने की कोशिश कर चुके हैं। हालांकि भारतीय सैनिकों ने हर बार उन्हें दूर से ही वापस लौटा दिया है।
चीन ने इलाके में अपने टैंक भी तैनात कर दिए हैं और इसके जबाव में भारत ने भी टैंक तैनात किए हैं। दोनों देशों के टैंक एक-दूसरे की रेंज में हैं और स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है।