
छत्तीसगढ़: सुकमा जिले में 1.18 करोड़ रुपये के 23 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता हाथ लगी है। सुकमा जिले में शनिवार को 23 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि इन माओवादियों पर कुल 1.18 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को नारायणपुर जिले में साढ़े 37 लाख रुपये के इनामी 22 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था। ऐसे में सुकमा में भी आत्मसमर्पण होना बड़ी सफलता माना जा रहा है।
आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पण करने वालों में कई वरिष्ठ माओवादी कार्यकर्ता शामिल
अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में डिवीजनल कमेटी सदस्य लोकेश उर्फ पोड़ियाम भीमा (35), PLGA बटालियन नंबर के सदस्य रमेश उर्फ कलमू (23), कवासी मासा (35), प्रवीण उर्फ संजीव (23), नुप्पो गंगी (28), पुनेम देवे (30), पार्टी सदस्य परस्की पांडे (22), माड़वी जोगा (20), नुप्पो लच्छु (25), पोड़ियाम सुखराम (24) और प्लाटून नंबर चार का डिप्टी कमांडर दूधी भीमा (37) जैसे वरिष्ठ माओवादी कार्यकर्ता शामिल हैं। इन सभी माओवादियों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
जानकारी
इन माओवादियों पर था 5-5 लाख रुपये का ईनाम
अधिकारियों ने बताया कि आत्मसपर्मण करने वाले मुचाकी रनौती (32), कलमू दूला (50), दूधी मंगला (30) और सिद्धार्थ उर्फ माड़वी (27) पर 5-5 लाख, हेमला रामा पर 3 लाख और सात नक्सलियों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
सफलता
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी बड़ी घटनाओं में थे शामिल
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों पर क्षेत्र में बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। इन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति 'नियद नेल्ला नार' (आपका अच्छा गांव) योजना से प्रभावित होकर और अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार पुलिस के बढ़ते प्रभाव से आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है। सुकमा जिले में आयोजित आत्मसमर्पण समारोह में पुलिस अधीक्षक (SP) किरण चव्हाण और CRPF के उप महानिरीक्षक आनंद सिंह सहित शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
पुनर्वास
राज्य सरकार की नीति के तहत माओवादियों का पुनर्वास किया जाएगा
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों का राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत पुनर्वास किया जाएगा। प्रत्येक विद्रोही को तत्काल सहायता के रूप में 50,000 रुपये दिए जाएंगे। इस नीति का उद्देश्य उन्हें मुख्यधारा के समाज में पुनः शामिल होने के लिए वित्तीय और सामाजिक सहायता प्रदान करना है। अधिकारियों ने अन्य सक्रिय माओवादियों से आत्मसमर्पण करने पर विचार करने की अपील करते हुए कहा कि आत्मसमर्पण और पुनर्वास के द्वार हमेशा खुले हैं।