छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने कैसे भूखे-प्यासे रहकर किया 16 नक्सलियों का सफाया?
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के कुल्हाड़ीघाट में गत मंगलवार (21 जनवरी) को सुरक्षा बलों ने लंबी मुठभेड़ के बाद 16 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता हासिल की थी।
इनमें एक करोड़ रुपये का इनामी वरिष्ठ नक्सली नेता जयराम उर्फ चलपति भी शामिल था। सुरक्षा बलों को यह सफलता 3 दिन तक चले ऑपरेशन में भूखे-प्यासे रहकर हासिल की थी।
रायपुर के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) अमरेश मिश्रा ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा।
अभियान
कैसे हुई अभियान की शुरुआत?
IGP मिश्रा ने NDTV को बताया कि गत रविवार (19 जनवरी) शाम को कुल्हाड़ीघाट की पहाड़ियों में नक्सलियों के एक समूह जमा होने की खूफिया सूचना मिली थी।
ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 25-30 प्रमुख नक्सली नेताओं वाले इस समूह ने फंड इकट्ठा करने, पंचायत चुनाव और बस्तर से एक सुरक्षित गलियारा स्थापित करने पर चर्चा करने के लिए बैठक की थी।
इसके बाद तीन चरण (योजना, सामरिक रणनीति और निगरानी) में ऑपरेशन शुरू करने का निर्णय किया था।
योजना
सुरक्षा बलों ने डेढ़ दिन के हिसाब से बनाई थी योजना
IGP मिश्रा ने बताया कि सटीक खुफिया जानकारी के बाद E-30 सैनिकों (गरियाबंद जिला), कोबरा 207 और CRPF की 65 और 211 बटालियनों की संयुक्त टीमों ने ओडिशा के विशेष अभियान समूह (SOG) के साथ मिलकर ऑपरेशन की योजना बनाई थी।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों को ऑपरेशन के डेढ़ दिन में खत्म होने की उम्मीद थी, लेकिन यह 3 दिन (बुधवार) तक चला। इसके बाद भी जवान अपनी योजना पर अड़े रहे और आखिरकार सफलता हासिल कर ली।
चुनौती
कैसे भूखे-प्यासे लड़े जवान?
IGP मिश्रा ने बताया कि यह ऑपरेशन कुल्हाड़ीघाट की ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों में चलाया गया था, जिसमें सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल अपने साथ केवल डेढ दिन का राशन लेकर गए थे, लेकिन ऑपरेशन के 3 दिन तक चलने के कारण उन्होंने भूखे और प्यासे रहकर नक्सलियों का मुकाबला किया और आखिरीकार अपने दृढ़ निश्चय और उच्च मनोबल से सफलता भी हासिल कर ली।
योजना
ड्रोन कैमरों से रखी नक्सलियों पर नजर
IGP मिश्रा ने बताया कि नक्सलियों ने निगरानी के लिए 2 ड्रोन तैनात किए थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने खुफिया जानकारी और निगरानी के लिए स्थानीय ड्रोन का इस्तेमाल करके उन्हें धूल चटा दी।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को त्रिकोण घेर लिया ले लिया था। ओडिशा के विशेष अभियान समूह ने राज्य में भागने के रास्ते बंद कर दिए थे और छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने बाकी के रास्तों को कवर कर लिया था।
सफलता
कुल 5 करोड़ रुपये के इनाम वाले नक्सली हुए ढेर
मारे गए 16 नक्सलियों में से 11 के शवों की पहचान हो चुकी है। इनमें सबसे बड़ा नाम जयराम रेड्डी उर्फ चलपति का है, जो नक्सलियों का अहम रणनीतिकार था।
सरकार ने उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
अन्य नक्सलियों में मोबिलाइजेशन विशेषज्ञ जयराम उर्फ गुड्डू और कांकेर का शीर्ष कमांडर सत्यम गावड़े भी शामिल है। मारे गए नक्सलियों पर सरकार ने कुल 5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
महत्व
कुल्हाड़ीघाट क्षेत्र का है सामरिक महत्व
कुल्हाड़ीघाट 75 किलोमीटर में फैला एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जिसमें जंगलों और पहाड़ियों से घिरे 7 गांव शामिल हैं। यह इलाका नो-नेटवर्क जोन बना हुआ है, जिसकी आबादी करीब 1,500 है।
4 गांव पहाड़ी की चोटी पर बसे हैं, जिससे उन तक पहुंचना एक चुनौती बन गया है।
दशकों तक यह क्षेत्र ओडिशा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों की निगरानी करने वाले नक्सली नेताओं के लिए रणनीतिक केंद्र के रूप में काम करता रहा है।