राजनाथ सिंह ने जिस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी, जानिये उसके बारे में खास बातें
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को स्वदेशी निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस में उड़ान भरी। उन्होंने बेंगलुरू के हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) एयरपोर्ट से 10 बजे उड़ान भरी और लगभग 30 मिनट तक हवा में रहे। राजनाथ सिंह तेजस में उड़ान भरने वाले देश के पहले रक्षामंत्री हैं। निर्मला सीतारमण ने रक्षामंत्री रहते हुए सुखोई-30 विमान में उड़ान भरी थी। हम आपको बताने जा रहे हैं कि उस तेजस विमान की खास बातें, जिसमें राजनाथ ने उड़ान भरी।
उड़ान के दौरान खुश दिखे रक्षामंत्री
राजनाथ सिंह ने एयर वाइस मार्शल एन तिवारी के साथ उड़ान भरी। तिवारी बेंगलुरू स्थित एयरोनॉटिकल डेवलेपमेंट एजेंसी के नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। लैंडिंग के बाद उन्होंने कहा कि उड़ान के दौरान रक्षामंत्री काफी खुश थे।
लैंडिंग के बाद राजनाथ बोले- कोई प्रॉब्लम नहीं
राजनाथ बोले- तेजस में उड़ान भरना शानदार अनुभव
तेजस में उड़ान भरने के बाद रक्षामंत्री ने ट्विटर पर अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने लिखा, 'बेंगलुरू के HAL एयरपोर्ट से स्वदेशी निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरना एक शानदार और खुशी वाला अनुभव था। तेजस एक मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है, जिसमें कई खूबिया हैं। यह भारत की हवाई रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा।' उन्होंने ट्विटर पर उड़ान से पहले की फोटो भी शेयर की है। ये तस्वीरें आप नीचे देख सकते हैं।
राजनाथ ने ट्विटर पर शेयर किया अनुभव
मार्क-1 तक लेकर गए विमान
तेजस को रक्षा मंत्रालय के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के तहत काम करने वाली HAL ने विकसित किया है। तेजस चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। यह सिंगल इंजन, डेल्टा विंग, मल्टी-रोल फाइटर है। इसका फाइटर वर्जन सिंगल सीटर और ट्रेनर वर्जन दो सीटर है। रक्षामंत्री ने इसके दो सीटर ट्रेनर वर्जन में उड़ान भरी थी। इस उड़ान के दौरान पायलट विमान को मार्क-1 (स्पीड ऑफ साउंड) तक लेकर गया था।
युद्धपोतों पर लैंडिंग के लिए चल रहे हैं तेजस के ट्रायल
तेजस की एक खेप पहले ही भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुकी है। इसका नवल वर्जन फिलहाल डेवलेपमेंट स्टेज में है। पिछले सप्ताह इसने 'अरेस्ट लैंडिंग' का ट्रायल सफलतापूर्वक पास किया था। इस लैंडिंग में लैंडिंग सरफेस पर लगे तारों की मदद से विमान की स्पीड कम की जाती है। तेजस को युद्धपोतों से उड़ान भरने की अनुमति हासिल करने से पहले ऐसे कई ट्रायल से गुजरना होगा। तेजस के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
HAL से 123 तेजस खरीदेगी वायुसेना
भारतीय नौसेना को अपने युद्धपोतों के लिए लड़ाकू विमानों की जरूरत है। फिलहाल नौसेना INS विक्रांत को विकसित कर रही है। यह 2021 तक नौसेना में शामिल हो सकता है। वहीं वायुसेना ने पहले HAL को 40 तेजस विमान का ऑर्डर दिया था। पिछले साल इस ऑर्डर में संशोधन किया गया है। अब वायुसेना ने 50,000 करोड़ रुपये में HAL को 83 नए विमान खरीदने का प्रस्ताव दिया है। यानी वायुसेना कुल 123 विमान खरीदेगी।
वायुसेना को मिले 16 तेजस
पिछले साल जून से लेकर अब तक 16 तेजस वायुसेना में शामिल किये जा चुके हैं। शुरुआत में वायुसेना के पास तेजस की दो स्क्वॉड्रन होगी। बाद में स्क्वॉड्रन की संख्या बढ़ाई जाएगी। एक स्क्वॉड्रन में 18 विमान होते हैं।
पूर्व राष्ट्रपति और रक्षामंत्री भी भर चुके हैं लड़ाकू विमानों में उड़ान
पिछले साल जनवरी में तत्कालीन रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सुखोई-30 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। उन्होंने पाकिस्तानी सीमा के पास राजस्थान के जोधपुर एयरबेस से उड़ान भरी थी। पूर्व वित्त मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज भी सुखोई में उड़ान भर चुके हैं। रक्षामंत्रियों के अलावा दो पूर्व राष्ट्रपति भी लड़ाकू विमानों में उड़ान भर चुके हैं। पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने अपने-अपने कार्यकाल में लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी थी।