हाथरस कांड: सबूत जुटाने जिला अस्पताल पहुंची CBI, नहीं मिली CCTV फुटेज
हाथरस कांड की जांच में लगी केंद्रीय जांच एजेंसी CBI की टीम बुधवार को जिला अस्पताल पहुंची। 14 सितंबर को कथित तौर पर गैंगरेप और मारपीट की घटना के बाद 19 वर्षीय दलित पीड़िता को सबसे पहले हाथरस के जिला अस्पताल लाया गया था। CBI ने सबूत के तौर पर अस्पताल के CCTV फुटेज लेना चाही, लेकिन वह सिस्टम के बैकअप में नहीं थी। ऐसे में CBI टीम को बिना CCTV फुटेज के खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।
कथित तौर पर गैंगरेप का शिकार हुई थी पीड़िता
14 सितंबर को हाथरस में चार लोगों ने कथित तौर पर 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ गैंगरेप किया था। मारपीट में पीड़िता की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। लगभग दो सप्ताह बाद इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई। पुलिस ने आधी रात को परिवार की मर्जी के बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पीड़िता ने अपने साथ रेप होने की बात कही थी, लेकिन पुलिस का कहना है कि उसके साथ रेप नहीं हुआ।
अस्पताल के अधिकारी बोले- पुलिस और प्रशासन ने पहले नहीं मांगी फुटेज
CCTV फुटेज न होने के सवाल पर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर इंद्रवीर सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस ने उस समय CCTV फुटेज नहीं लिए थे और न ही इन्हें सुरक्षित रखने के लिए कहा गया। अब एक महीने बाद CCTV फुटेज बैकअप में नहीं है। सिंह ने कहा कि अगर प्रशासन फुटेज सुरक्षित रखने को कहता तो वो रखवा लेते। सात दिन में पुरानी फुटेज डिलीट हो जाती है और उसकी जगह नई रिकॉर्डिंग होती है।
CBI ने डॉक्टरों के बयान दर्ज किए
बुधवार को CBI के अधिकारी डॉक्टरों के बयान दर्ज करने और सबूतों की जांच के लिए अस्पताल पहुंचे थे। TOI ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि CBI टीम CCTV फुटेज इसलिए चाहती है ताकि यह पता चल सके कि पीड़िता को कब अस्पताल लाया गया, कब बाहर निकाला गया और उससे मिलने के कौन-कौन अस्पताल आया था। ऐसे में अगर घटना के दिन की CCTV फुटेज मिल जाती है तो इससे कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं।
पीड़िता के भाइयों और पिता से कई घंटे चली पूछताछ
बुधवार को CBI ने पीड़िता के भाइयों और पिता से भी लगभग सात घंटों तक पूछताछ की थी। इसी बीच पीड़िता के परिवार ने मांग की है कि मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों को अलीगढ़ जेल में स्थानीय समर्थन मिल रहा है। इसलिए उन्हें किसी दूसरे जेल में शिफ्ट किया जाए। गौरतलब है कि गिरफ्तारी के बाद से चारों आरोपी अलीगढ़ जेल में बंद हैं। सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विचार-विमर्श कर कार्रवाई का फैसला किया जाएगा।
योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से CBI जांच की निगरानी की मांग की
योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह CBI जांच की निगरानी करे। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से CBI को यह निर्देश देने की भी मांग की कि वो राज्य सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपती रहे ताकि उसे पुलिस प्रमुख के जरिये सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जा सके। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पीड़िता के घर के बाहर से लेकर गांव में सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों की सूची भी सौंपी है।