सुप्रीम कोर्ट का गणपति उत्सव की अनुमति देने से इनकार, कहा- उमड़ती है भीड़
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में इस साल हर बार की तरह गणेश चतुर्थी को लेकर धूमधाम से गणपति महोत्सव नहीं मनाया जा सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गणपति उत्सव आयोजित करने की अनुमति देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि महाराष्ट्र में गणपति महोत्सव में भक्तों की भीड़ बेकाबू होती है। कोरोना महामारी को देखते हुए वह इसे आयोजित करने की अनुमति देने की इच्छा नहीं रखते हैं।
टिप्पणी
याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने की यह टिप्पणी
न्यूज 18 के अनुसार गणपति महोत्सव आयोजित करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े की पीठ ने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी का दौर चल रहा है और गणेश महोत्सव अपने आयोजन को लेकर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ आकर्षित करता है। ऐसे में वह इस महोत्सव को आयोजित करने की अनुमति देने के इच्छुक नहीं है।
उन्होंने कहा कि महोत्सव में भीड़ बेकाबू होती है और उस पर नियंत्रण करना आसान नहीं होता।
स्पष्ट
कोर्ट ने पूरी तरह से स्पष्ट किया आदेश
मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने स्पष्ट किया कि उनका यह आदेश केवल गणेश महोत्सव को लेकर है। इसे अन्य किसी धार्मिक मंडली या कार्यक्रम पर पर लागू नहीं किया जा सकता है, जिसमे लोग अपनी मर्जी से एकत्र होते हैं और उन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि वह विशेष रूप से गणेश चतुर्थी पर होने वाले महोत्सव का उल्लेख कर रहे हैं। मामले में राज्य सरकार अपनी प्राथमिकता के आधार पर फैसला कर सकती है।
अनुमति
मुंबई के तीन जैन मंदिरों में मिली पर्यूषण प्रार्थना की अनुमति
गणेश महोत्सव के साथ सुप्रीम कोर्ट ने जैन समाज की ओर से पर्यूषण पर्व पर प्रार्थना के लिए जैन मंदिरों को खोलने की अनुमति देने की याचिका पर भी सुनवाई की।
इसको लेकर शीर्ष अदालत ने दादर, बायकुला और चेंबूर के तीन जैन मंदिरों में प्रार्थना की अनुमति देते हुए याचिकाकर्ताओं को SOP का पालन करने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने कहा कि इन तीन मंदिरों के अलावा राज्य के किसी अन्य मंदिर में प्रार्थना की अनुमति नहीं होगी।
जानकारी
बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को दी गई थी चुनौती
पर्यूषण पर्व मामले में याचिकाकर्ताओं ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया था। श्रद्धालुओं ने 15 से 23 अगस्त तक जैन मंदिर खोलने की इजाजत मांगी थी।
गणेश महोत्सव
महाराष्ट्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है दस दिवसीय गणेश महोत्सव
बता दें कि महाराष्ट्र में गणेेश महोत्सव सबसे प्रतिष्ठित त्योहारों में से एक है। इसके में गणेश चतुर्थी के दिन जगह-जगह गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाती है और 10 दिनों तक जागरण सहित अन्य कार्यक्रम होते हैं।
दस दिन बाद सभी पांडालों में सजाई गई प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। इसमें पूरा महाराष्ट्र उमड़ता है।
इस बार कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए सरकार ने इसे आयोजित नहीं करने का निर्णय किया था।