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स्वास्थ्य मंत्रालय में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा, CBI ने अधिकारियों समेत 34 लोगों पर की FIR
CBI ने स्वास्थ्य मंत्रालय में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया है

स्वास्थ्य मंत्रालय में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा, CBI ने अधिकारियों समेत 34 लोगों पर की FIR

लेखन आबिद खान
Jul 04, 2025
05:40 pm

क्या है खबर?

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), बिचौलियों और निजी मेडिकल कॉलेजों का नेटवर्क शामिल है। इस मामले में CBI ने 34 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के 8 अधिकारी, 14 सरकारी अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण का एक कर्मचारी और NMC के निरीक्षण दल के 5 डॉक्टर शामिल हैं।

घोटाला

मेडिकल कॉलेजों को दी जाती थी गोपनीय जानकारी

CBI का कहना है कि यह नेटवर्क मेडिकल कॉलेजों से सांठगांठ कर मंत्रालय की प्रक्रियाओं और फाइलों की अहम जानकारी मेडिकल कॉलेजों को मुहैया कराता था। इसके लिए लाखों-करोड़ों रुपये रिश्वत ली जाती थी। CBI के मुताबिक, नेटवर्क में शामिल स्वास्थ्य मंत्रालय और NCM के अधिकारी मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण, मान्यता और नवीनीकरण प्रक्रियाओं से संबंधित गोपनीय फाइलों की जानकारी कॉलेज तक पहुंचाते थे। इससे कॉलेज निरीक्षण से पहले ही सारी तैयारी कर लेते थे।

मंत्रालय

गोपनीय फाइलों की तस्वीरें साझा करते थे मंत्रालय के अधिकारी

CBI ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारी मंत्रालय की आंतरिक फाइलों की तस्वीरें खींचकर उन्हें कॉलेजों के साथ काम करने वाले बिचौलियों को भेजते थे। इससे ये कॉलेज निरीक्षण में बेहतर ग्रेड प्राप्त कर लेते थे। इसके बदले में ये अधिकारी हवाला और बिचौलियों के जरिए लाखों की रिश्वत लेते थे। CBI ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 8, 9, 10 और 12 के तहत मामला दर्ज किया है।

मामला

किन-किन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ है मामला?

FIR में स्वास्थ्य मंत्रालय के पूनम मीना, धर्मवीर, पीयूष माल्याण, अनूप जैसवाल, राहुल श्रीवास्तव, दीपक, मनीषा और चंदन कुमार का नाम है। इसके अलावा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के चांसलर डीपी सिंह का भी नाम है, जो पहले UGC अध्यक्ष थे। CBI ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जिसमें NMC के 3 डॉक्टर शामिल हैं। इन पर रायपुर के रावतपुरा इंस्टीट्यूट से 55 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप है।

रिश्वत

CBI को रिश्वत लेने के ये सबूत मिले

CBI ने बताया कि NMC के जीतू लाल मीणा ने वीरेंद्र कुमार को 75 लाख रुपये रिश्वत दी। इससे राजस्थान के सवाई माधोपुर में एक मंदिर बनवाया गया। विशाखापट्टनम के गायत्री मेडिकल कॉलेज को NMC से मंजूरी दिलाने के लिए 2.5 करोड़ रुपये रिश्वत ली गई। वारंगल के फादर कोलंबो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने NMC से बेहतर ग्रेड के लिए आंध्र प्रदेश के डॉक्टर हरि प्रसाद को 4 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।