कोलकाता मामला: पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष का रेप-हत्या मामले में FIR करने का नहीं था इरादा
क्या है खबर?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ संदीप घोष को लेकर चल रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में एक नया खुलासा हुआ है।
जांच में पता चला कि घोष महिला डॉक्टर के रेप-हत्या की FIR नहीं चाहते थे और जांचकर्ताओं को धोखे में रखना चाहते थे।
इंडिया टुडे के मुताबिक, घोष के पॉलीग्राफ टेस्ट की फोरेंसिक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई। CBI ने घोष का लेयर्ड वॉयस एनालिस्ट (LVA) और पॉलीग्राफ परीक्षण किया था।
खुलासा
रिपोर्ट में और क्या आया सामने?
पॉलीग्राफ जांच की रिपोर्ट में पता चला कि डॉ. घोष ने वकील से सलाह लेने के बावजूद मामले में FIR दर्ज करने का इरादा नहीं किया। बाद में अस्पताल के उप-प्राचार्य ने शिकायत दर्ज कराई और वह भी इसे आत्महत्या बताकर।
जांच में पता चला कि घोष 9 अगस्त को सेमिनार हॉल में डॉक्टर का अर्धनग्न शव मिलने के बाद सुबह 10:03 बजे से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल के संपर्क में थे।
मंडल ने घटना की कमतर आंका।
जांच
तुरंत अस्पताल नहीं पहुंचे थे घोष
घोष को सुबह 9:58 बजे शव मिलने की सूचना दे दी गई थी, इसके बाद भी वह तुरंत अस्पताल नहीं पहुंचे। पॉलीग्राफ जांच में पता चला कि मामले से जुड़े कुछ जरूरी मुद्दों पर घोष के बयान भ्रामक हैं।
जांच एजेंसी इस रिपोर्ट को मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में पेश कर सकती है क्योंकि कोर्ट ने CBI को रेप और हत्या मामले में चल रही जांच की प्रगति रिपोर्ट को 3 समाप्त में पेश करने को कहा था।
गिरफ्तार
17 सितंबर तक CBI हिरासत में हैं घोष
कोर्ट ने घोष और ताला थानाप्रभारी अभिजीत मंडल को 17 सितंबर तक CBI की हिरासत में भेजा है। दोनों को CBI ने शनिवार रात को सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इससे पहले CBI ने घोष को मेडिकल कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था और उनका पॉलीग्राफ कराया था।
CBI की FIR को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी घोष की संपत्ति से जुड़े मामले की जांच कर रही है।
विवाद
क्या है डॉक्टर की रेप और हत्या का मामला?
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सभागार में 9 अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर का रेप हुआ और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद देशभर में विरोध शुरू हो गया।
जांच के दौरान CBI को मेडिकल कॉलेज में वित्तीय घोटाले का पता चला, तब उन्होंने डॉ घोष को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया। डॉ घोष न्यायिक हिरासत में हैं।
रेप और हत्या के मामले में अस्पताल के स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है।