भारत-बांग्लादेश सीमा पर झड़प के बाद BSF और BGB अधिकारियों की बैठक, क्या चर्चा हुई?
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल के मालदा में भारत और बांग्लादेश सीमा पर झड़प के बाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई है।
BSF के तरूण कुमार गौतम और BGB के कर्नल मोहम्मद इमरान इब्ने रूफ के नेतृत्व में हुई इस बैठक में सीमा प्रबंधन और सीमावर्ती क्षेत्रों में आपसी हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में दोनों बलों के बटालियन कमांडर और अधिकारी भी शामिल हुए।
चर्चा
क्या हुई चर्चा?
BSF दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी एनके पांडे ने बताया कि बैठक में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने, सीमा क्षेत्र में अवैध गतिविधियो पर नियंत्रण करने, अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास किसानों के अलावा दूसरों की आवाजाही पर रोक लगाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने सीमा संबंधित समस्याओं पर आपसी बातचीत और सहमति से निदान ढूंढने पर जोर दिया। बैठक में प्रभावी सीमा प्रबंधन सुनिश्चित करने पर भी चर्चा हुई।
बयान
BSF DIG बोले- बैठक दोनों देशों की मजबूत साझेदारी का प्रतीक
DIG एनके पांडे ने कहा, "ये उच्चस्तरीय बैठकें भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत साझेदारी का प्रतीक हैं। आपसी संवाद और सहयोग के माध्यम से, दोनों देशों के बलों ने साझा मुद्दों को सुलझाते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। BSF अपनी सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपने पड़ोसी देशों के साथ सौहार्द बढ़ाने के अपने उद्देश्य के प्रति पूरी तरह समर्पित है।"
झड़प
सुखदेवपुर में हुई थी झड़प
18 जनवरी को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से सटी सुखदेवपुर सीमा पर भारत और बांग्लादेश के किसानों के बीच झड़प हो गई थी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पत्थरबाजी भी की थी।
भारतीय किसानों ने कहा था कि बांग्लादेशी लोग उनकी फसलों को चुरा रहे थे, जबकि बांग्लादेशी लोगों ने कहा कि भारतीयों ने सीमा पार कर आम के पेड़ काट दिए थे।
बाद में BSF और BGB ने मामले को शांत कराया था।
बाड़
सीमा पर बाड़बंदी कर रही है BSF
बांग्लादेश के साथ हालिया तनाव के बाद BSF ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है और बांग्लादेश के 3 जिलों की सीमाओं पर बाड़ (कंटीले तार) लगाने का काम कर रही है।
BGB ने इस पर आपत्ति जताई है।
दोनों देशों के बीच सीमा पर जीरो लाइन की वजह से भी विवाद हो रहा है, जो एक काल्पनिक रेखा है और दोनों देशों की सीमा निर्धारित करती है। इसे अंतरराष्ट्रीय सीमा भी कहा जाता है।