#NewsBytesExplainer: मणिपुर पुलिस के असम राइफल्स के खिलाफ FIR करने का पूरा विवाद क्या है?
क्या है खबर?
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स के बीच बड़ा विवाद सामने आया है।
मणिपुर पुलिस ने एक घटना के संबंध में असम राइफल्स पर गंभीर आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ FIR दर्ज की है।
पुलिस ने असम राइफल्स पर कुकी उग्रवादियों की मदद करने का आरोप लगाया है। इससे पहले पुलिस और असम राइफल्स के जवानों के बीच बहस का एक वीडियो भी सामने आया था।
आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा में 3 अगस्त की सुबह कुछ हथियारबंद बदमाशों ने पिता-पुत्र समेत मैतेई समुदाय के 3 लोगों की हत्या कर दी थी। इन बदमाशों के कुकी समुदाय से होने के संदेह के बाद मणिपुर पुलिस ने इनकी तलाश में एक गांव में छापेमारी की थी।
आरोप है कि असम राइफल्स की 9वीं बटालियन के जवानों ने मणिपुर पुलिस की टीम का रास्ता रोक लिया, जिसके चलते आरोपी फरार होने में सफल हो गए।
केस
मणिपुर पुलिस ने अपनी FIR में क्या कहा?
बिष्णुपुर जिले के फौगाचाओ पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी ने 5 अगस्त को असम राइफल्स के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज करवाई।
उन्होंने कहा, "असम राइफल्स ने सड़क के बीच में अपना वाहन खड़ा कर पुलिस को उग्रवादियों की तलाश करने से रोक दिया था। असम राइफल्स के जवानों की तरफ से अहंकारी कृत्य ने आरोपी कुकी उग्रवादियों को सुरक्षित क्षेत्र में भागने का मौका दे दिया।"
बयान
मामले पर सेना का क्या कहना है?
भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर कहा कि मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच राज्य में शांति बहाल करने में लगी असम राइफल्स की छवि को खराब करने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं।
सेना ने कहा, "यह समझने की जरूरत है कि मणिपुर में जमीनी स्थिति की जटिल प्रकृति के कारण विभिन्न सुरक्षाबलों के बीच सामरिक स्तर पर कभी-कभी मतभेद होते रहते हैं।
बयान
रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को कहा कि असम राइफल्स के वाहनों को मैतेई और कुकी वाले क्षेत्रों के बीच बफर जोन में रखा गया था। उन्होंने कहा कि बिष्णुपुर और चुराचांदपुर की पुलिस को इस बफर जोन का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी गई है।
घटना के दिन की एक वीडियो में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक भी देखी गई थी, जिसमें पुलिसकर्मी असम राइफल्स पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं।
आरोप
असम राइफल्स पर पहले भी लग चुके हैं कई आरोप
मणिपुर हिंसा शुरू होने के बाद से मैतेई नागरिक समाज समूह और भाजपा के विधायक असम राइफल्स पर कई बार कुकी उग्रवादियों की मदद करने का आरोप लगा चुके हैं।
मणिपुर के भाजपा विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपकर असम राइफल्स पर पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया था। उन्होंने पत्र में मणिपुर से असम राइफल्स को स्थायी रूप से हटाने की मांग भी की थी।
विरोध
महिलाओं ने भी असम राइफल्स के खिलाफ किया था विरोध
मैतेई महिलाओं के समूह मीरा पैबी ने भी सोमवार को बिष्णुपुर समेत 5 जिलों में असम राइफल्स के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया था। उन्होंने आरोप लगाया गया था कि असम राइफल्स हिंसा के बाद से मैतेई लोगों पर अत्याचार कर रही है।
इसके बाद बिष्णुपुर जिले के मोइरांग लमखाई स्थित चेकपोस्ट पर असम राइफल्स की जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को तैनात कर दिया गया था।