नेपाल में भारी बारिश से बिहार में टूटे 7 तटबंध, 12 जिलों में बाढ़ का खतरा
नेपाल में भारी बारिश का असर बिहार में दिख रहा है। यहां पिछले 24 घंटे में 7 तटबंध टूट गए हैं, जिससे 12 जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नेपाल से छोड़े गए पानी से बिहार के मैदानी इलाकों में मुसीबत बढ़ रही है। अब तक 50 से अधिक संपर्क मार्ग पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। रविवार देर रात 12:45 बजे दरभंगा में किरतपुर प्रखंड के सहरसा क्षेत्र में कोसी नदी का बांध टूट गया।
2 लाख आबादी पर बाढ़ का खतरा
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, रविवार की रात दरभंगा के अलावा सीतामढ़ी और शिवहर जिले में बागमती नदी पर 5 जगह तटबंध टूटे हैं। इनके अलावा बगहा में चंपारण तटबंध भी टूट गया। चंपारण तटबंध टूटने से पश्चिमी चंपारण के सभी स्कूलों को 2 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है। 12 जिलों के 20 प्रखंडों में बाढ़ के खतरे को देखते हुए 2 लाख आबादी पर संकट के बादल छाए हुए हैं।
सुपौल और चंपारण में सबसे अधिक असर
बाढ़ का सबसे अधिक असर पश्चिमी चंपारण और सुपौल में दिख रहा है। अररिया में रेलवे ट्रैक पानी में डूबने से कई ट्रेनों को रद्द किया गया है। पश्चिमी चंपारण में कई गांवों के 100 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। अभी भी 900 से अधिक लोग फंसे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 11 टीमें काम कर रही हैं। 8 टीमों को अभी रिजर्व रखा गया है।
नेपाल में बारिश ने तोड़ा 54 साल का रिकॉर्ड
नेपाल में बारिश ने 54 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां 24 घंटे में 323 मिलीमीटर बारिश हुई है। बारिश के बाद आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन से 112 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।