हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बारिश को राज्य आपदा घोषित किया, केंद्र से मांगी मदद
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश में बीते एक हफ्ते में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 74 लोगों की मौत हो गई है। राज्य को आर्थिक लिहाज से भी भारी नुकसान हुआ है।
अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बारिश को राज्य आपदा घोषित कर दिया है। इस संबंध में राज्य सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से भारी बारिश को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की भी मांग की है।
बयान
राज्य को केंद्र की मदद की जरूरत- मुख्यमंत्री
समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव अभियान पूरे जोरों पर चल रहा है और राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों की मदद करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, "केंद्रीय टीमों ने नुकसान के आंकलन के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। हमें केंद्र सरकार से समय पर मदद की जरूरत है।"
उन्होंने कहा कि राज्य को अनुमानित 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ ने दिए 11 करोड़ रुपये
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हिमाचल प्रदेश को 11 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है।
एक ट्वीट में उन्होंने कहा, 'देवभूमि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से आई विपदा की स्थिति में पीड़ित लोगों की मदद के लिए हम सब छत्तीसगढ़वासियों की ओर से 11 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा करता हूं। हम सभी छत्तीसगढ़वासी हिमाचल के लोगों के साथ खड़े हैं।'
तबाही
बारिश से हिमाचल में भारी तबाही
हिमाचल में पिछले 4 दिनों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 74 लोगों की मौत हुई है। राज्य में सैकड़ों पेयजल योजनाओं और बिजली आपूर्ति लाइनों के साथ-साथ 1,400 से अधिक सड़कें प्रभावित हुई हैं।
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग सहित करीब 950 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं। करीब 2,100 सड़कों पर आवाजाही प्रभावित है।
11,301 घरों को पूरी तरह या आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। कई इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है।
रिकॉर्ड
बारिश ने तोड़ा पिछले 50 साल का रिकॉर्ड
शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरिंदर पॉल ने बताया कि इस साल जुलाई में राज्य में दर्ज की गई मानसून की बारिश ने पिछले 50 सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए, जिसके कारण यहां आपदा जैसे हालात बने हैं।
24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में कुल 214 लोगों की मौत हुई है, जबकि 38 अभी भी लापता हैं। 75,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।