#NewsBytesExplainer: पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में शराब-मांसाहार की पार्टी से संबंधित पूरा विवाद क्या है?
पाकिस्तान में करतारपुर साहिब के परिसर में आयोजित हुई एक पार्टी का वीडियो वायरल है, जिससे सिख समुदाय की भावना आहत हुई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGPC) के महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने आरोप लगाया है कि पार्टी के दौरान शराब और मांस परोसा गया था। सिखों ने इस मामले की जांच करने और सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। आइए जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है और ये विवाद कैसे शुरू हुआ।
क्या है मामला?
दैनिक भास्कर ने सूत्रों के हवाले से कहा कि करतारपुर कॉरिडोर की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के CEO सैयद अबू बकर कुरैशी ने 18 नवंबर को एक पार्टी आयोजित की थी। इसमें करतारपुर साहिब के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी गोबिन्द सिंह, नारोवाल के जिलाधिकारी मोहम्मद शाहरुख और पुलिस अधिकारियों सहित 80 लोग शामिल हुए। DSGPC के महासचिव काहलों का दावा है कि पार्टी में शराब और मांस का सेवन किया गया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
DSGPC महासचिव ने क्या कहा?
DSGPC के महासचिव काहलों ने इसे सिख समुदाय की मान्यताओं के खिलाफ बताया और इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने एक्स पर लिखा, "यह स्वीकार्य नहीं! मैं गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के पवित्र परिसर के भीतर हुई बेअदबी की घटना की कड़ी निंदा करता हूं, जहां शराब और मांस के साथ एक पार्टी का आयोजन किया गया था।" उन्होंने पाकिस्तान सरकार से सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया है।
सिख संगठनों ने मामले में क्या कहा?
खालसा वॉक्स की रिपोर्ट के अनुसार, घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी और DSGPC के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने भी इसकी निंदा की। धामी ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "अधिकारियों को इस तरह के कृत्य में शामिल होने से बचना चाहिए क्योंकि इससे वैश्विक सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।" DSGMC के प्रवक्ता मनजीत सिंह भोमा ने आयोजकों से सार्वजनिक माफी की मांग की है।
पाकिस्तान से सख्त कार्रवाई की अपील
DSGMC के पूर्व अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी घटना की निंदा की। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वह दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं और उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाए। तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पाकिस्तान सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पाकिस्तान में भी सिख समुदाय ने दोषियों को सजा देने की मांग की है।
करतारपुर साहिब के अधिकारियों का आरोपों पर क्या कहना है?
रिपोर्ट के अनुसार, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के CEO कुरैशी ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह कोई डांस पार्टी नहीं, बल्कि एक आधिकारिक रात्रिभोज था। उन्होंने कहा कि सिखों और मुसलमानों दोनों की शाम की प्रार्थना के बाद पार्टी शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी गुरुद्वारा साहिब से दूर हुई थी, न कि परिसर में और इसमें सारा रजा खान सहित कुछ कलाकारों ने संगीत कार्यक्रम में भाग लिया था।
गुरुद्वारे में पहले भी सामने आ चुका है मिलता-जुलता मामला
बता दें कि 2021 में भी इसी तरह की एक घटना सामने आई थी। तब गुरुद्वारा परिसर के भीतर एक पाकिस्तानी मॉडल के सिर नहीं ढकने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं और उनकी खूब आलोचना हुई थी।
करतारपुर साहिब सिखों के लिए क्यों महत्वपूर्ण?
सिख धर्म मानने वाले लोगों के लिए करतारपुर साहिब दूसरा सबसे पवित्र स्थान है। माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव 1522 में करतारपुर आए थे और अपनी जिंदगी के आखिरी कुछ साल यहीं गुजारे थे। कहा जाता है कि करतारपुर में जिस जगह पर गुरु नानक देव की मौत हुई थी, वहां पर गुरुद्वारा बनाया गया है। पाकिस्तान में मौजूद करतारपुर भारत से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।