महाराष्ट्र में लुटेरे समझकर तीन युवकों की पीट-पीटकर हत्या, बचाने गई पुलिस पर भी किया हमला
एक तरफ तो सरकार लॉकडाउन लागू कर कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने का प्रयास कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर लोग वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। गुरुवार सुबह जहां उत्तर प्रदेश के कासगंज में एक युवक ने वृद्ध महिला की गोली मारकर हत्या कर दी, वहीं रात को महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना को अंजाम दिया गया। कासा इलाके में ग्रमाीणों ने तीन युवकों को लुटेरे समझकर उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी।
युवकों के नासिक जाते समय ग्रामीणों ने किया हमला
कासा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक आनंदराव काले ने बताया मृतक युवक मुंबई निवासी सुशील गिरी, नीलेश तेलगड़े और जयेश तेलगड़े हैं। तीनों गुरुवार रात करीब 9 बजे दाभडी खानवेल सड़क मार्ग से गुजर रहे थे। उसी दौरान ग्रामीणों को उनके लुटेरे होने का शक हो गया। इस पर ग्रमीणों ने कार को रुकवाकर उन्हें बाहर निकला लिया और लाठी और पत्थरों से हमला कर दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्होंने अस्तपाल में दम तोड़ दिया।
हमले के दौरान घायल युवक ने दी पुलिस को सूचना
पुलिस निरीक्षक काले ने बताया कि रात को ग्रामीणों के हमला करने के दौरान घायल हुए युवक ने जैसे-तैसे अपने मोबाइल से फोन कर पुलिस को घटना की जानकारी दी थी। पुलिस के पहुंचने तक तीनों युवक गंभीर रूप से घायल हो चुके थे।
युवकों को बचाने गई पुलिस पर भी किया हमला
पुलिस निरीक्षक काले ने बताया कि युवक की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों युवकों को ग्रामीणों से बचाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। उस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया। इससे पुलिस की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई और पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। बाद में अतिरिक्त जाब्ता बुलाकर ग्रामीणों को खदेड़ा गया। इसके बाद सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां तीनों युवकों ने दम तोड़ दिया। शवों का पोस्टमार्टम करा दिया गया है।
पुलिस ने 100 लोगों को हिरासत में लिया
पुलिस निरीक्षक काले ने बताया कि घटना के संबंध में करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है कि उन्हें युवकों के लुटेरे होने का शक किस आधार पर हुआ था। उन्होंने बताया कि पूरे क्षेत्र में धारा 188 लागू कर दी गई है। इसके अलावा 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सोशल मीडिया संदेशों की भी की जा रही जांच
पुलिस निरीक्षक काले ने बताया कि लॉकडाउन में सोशल मीडिया पर ग्रामीण क्षेत्रों में लूट व डकैती की वारदात होने की अफवाहें चल रही है। ऐसे में सोशल मीडिया की भी जांच की जा रही है। अफवाह फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस और चिकित्सा टीम पर भी किया था ग्रामीणों ने हमला
पुलिस निरीक्षक काले ने बताया कि गांव में लोगों को लुटेरे समझकर हमला किए जाने का यह पहला मामला नहीं है। तीन दिन पहले भी शाम को गांव से जांच कर रह लौट रहे एक चिकित्सक और तीन पुलिसकर्मियों पर भी ग्रामीणों ने उन्हें चोर और लुटेरा समझकर हमला कर दिया था। उस दौरान पुलिसकर्मी और चिकित्सक ने जैसे-तैसे वहां से भागकर अपनी जान बचाई थीं। उन्होंने बताया कि हमला करने वाले ग्रामीणों की पहचान की जा रही है।