राजस्थान: जयपुर में आधे घंटे में महसूस किए गए भूकंप के 4 झटके
राजस्थान के जयपुर में शुक्रवार तड़के आधे घंटे के अंतराल में भूकंप के 4 झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, 3.4 तीव्रता का तीसरा भूकंप सुबह लगभग 4:25 बजे आया, जिसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था। जयपुर में एक के बाद एक आए झटकों से अभी किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी भूकंप के झटकों को लेकर एक ट्वीट किया है।
जयपुर में सुबह 4:10 बजे आया पहला भूकंप
NCS के अनुसार, जयपुर में 4.4 तीव्रता के भूकंप का पहला झटका सुबह 4:10 बजे आया, जिसका केंद्र 10 किलोमीटर गहराई में था। इसके बाद 3.1 तीव्रता का दूसरा झटका सुबह 4:23 बजे महसूस हुआ, जिसका केंद्र 5 किलोमीटर गहराई में था। इसके अलावा NCS ने तीसरा 3.4 तीव्रता का भूकंप सुबह 4:25 बजे रिकॉर्ड किया, जबकि चौथा 2.5 तीव्रता का भूकंप सुबह 4:31 बजे महसूस हुआ। इन चारों भूकंप का केंद्र जयपुर ही था।
पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने किया ट्वीट
जयपुर में भूकंप से कोई नुकसान की खबर नहीं- पुलिस
जयपुर में तड़के आए भूकंप के झटकों से लोग सहमे हुए हैं। पहले भूकंप की तीव्रता काफी तेज थी, जिसके कारण अलसुबह लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। राजस्थान पुलिस के कंट्रोल रूप के अनुसार, अभी भूकंप के झटकों के कारण कहीं भी कोई नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि, राजधानी जयपुर में एक के बाद एक आए 4 भूकंप से लोग दहशत में हैं और उनकी नींद उड़ गई है।
भूकंप के जोन-3 में आता है राजस्थान
भारत को भूकंप के क्षेत्र के आधार पर चार हिस्सों (जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5) में बांटा गया है। जोन-2 सबसे कम और जोन-5 सबसे अधिक खतरे वाला जोन है। मध्य भारत का हिस्सा जोन-3 में है और राजस्थान इसी में आता है। जोन-5 में उत्तर-पूर्व के सभी राज्य, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से आते हैं। उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्से और दिल्ली जोन-4 में आते हैं, जबकि दक्षिण भारत के ज्यादातर हिस्से जोन-2 में आते हैं।
क्यों आते हैं भूकंप?
धरती के नीचे मौजूद टेक्टोनिकल प्लेटों में हलचल के कारण भूकंप आते हैं। इसके अलावा ज्वालामुखी फटने और परमाणु हथियारों की टेस्टिंग भी भूकंप ला सकती है। भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है और इसका अंदाजा भूकंप के केंद्र से निकलने वाली तरंगों से लगता है। भूकंप का केंद्र सतह से जितना नीचे होगा, तबाही भी उतनी ही कम होगी। दुनिया के कई क्षेत्र संवेदनशील हिस्से में पड़ते हैं और वहां अकसर भूकंप आते रहते हैं।