#NewsBytesExclusive: प्रो-गेमिंग करने वालों के पास हैं कमाई के ढेरों मौके, गेमर हर्नित से खास बातचीत
क्या है खबर?
भारत में गेमिंग की ओर युवाओं और किशोरों का रुझान बढ़ा और गेमिंग को लेकर उनका नजरिया तेजी से बदला है।
किशोर ना सिर्फ गेमिंग पसंद करते हैं बल्कि इसमें करियर बनाने के बारे में भी सोचने लगे हैं।
हालांकि, माता-पिता को गेमिंग के बारे में समझाना आसान नहीं होता और खुद युवा गेमर्स को भी प्रो-लेवल गेमिंग की ज्यादा जानकारी नहीं होती।
न्यूजबाइट्स ने प्रोफेशनल गेमर हर्नित खत्री (गनशॉट) से भारत में गेमिंग से जुड़ी संभावनाओं पर बात की।
परिचय
कैरीमिनाटी के साथ शुरू की थी स्ट्रीमिंग
21 साल के हर्नित खत्री फरीदाबाद, हरियाणा से जुड़े हैं और कनाडा में रहते हैं।
हर्नित ने स्ट्रीमिंग की शुरुआत अपने दोस्त अजय नागर (कैरीमिनाटी) के साथ की, लेकिन उसके पहले से गेमिंग टूर्नामेंट्स में परफॉर्म कर रहे थे।
यूट्यूब पर हर्नित के 2.7 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं और वह MLG वर्ल्ड फाइनल्स जैसे कई टूर्नामेंट्स में भारत का चेहरा बने हैं।
हर्नित D5 और सिनर्जी गेमिंग टीम्स से जुड़े हैं और टीम मेगास्टार के कोच रह चुके हैं।
गेमिंग
भारत में गवर्निंग बॉडी की जरूरत
गेमिंग को लेकर भारत में गेमर्स ही नहीं बल्कि स्ट्रीमिंग देखने वालों का नजरिया भी बदला है और हर्नित भी यह बात मानते हैं।
उन्होंने कहा कि बीते कुछ साल में भारत में लोगों ने गेमिंग पर चर्चा शुरू की है और नए गेमर्स भी बढ़े हैं।
हर्नित भारत में गेमिंग कम्युनिटी के लिए गवर्निंग बॉडी की कमी महसूस करते हैं।
उन्होंने कहा, "गेमर्स को ऑफर किए जाने वाले कॉन्ट्रैक्ट्स से जुड़ी एक गवर्निंग बॉडी भारत में जरूर होनी चाहिए।"
शुरुआत
गेमिंग पर खर्च करने से पहले कमाना जरूरी
हर्नित ने बताया कि गेमिंग शुरू करने के दो तरीके, टूर्नामेंट्स और प्रोफेशन टीम्स में प्रो-गेमिंग और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर स्ट्रीमिंग से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा, "सेटअप तैयार करने में 1.5 लाख रुपये तक का औसत खर्च आ सकता है इसलिए जरूरी है कि पहले खुद को बेहतर किया जाए।"
हर्नित का मानना है कि गेमिंग पर खर्च करे से पहले उसकी मदद से कमाना जरूरी है और नए गेमर्स अपने स्मार्टफोन पर प्रैक्टिस से शुरुआत कर सकते हैं।
कमाई
क्या हो सकते हैं गेमर्स की कमाई के तरीके?
एक गेमर किन तरीकों से पैसे कमा सकता है, इस पर हर्नित ने कहा कि उसके पास ढेरों विकल्प होते हैं।
सबसे पहले तो यूट्यूब या दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर स्ट्रीमिंग और मेंबरशिप के जरिए कमाई होती है। इसके अलावा स्पॉन्सरशिप्स भी मिलती हैं।
प्रोफेशनल गेमर्स को टीम और ऑर्गनाइजेशंस की ओर से हर महीने सैलरी मिलती है। वहीं, टूर्नामेंट्स में प्राइज पूल के लिए खेलने के अलावा गेमर्स कॉमेंटेटर और एनालिस्ट के तौर पर भी काम कर सकते हैं।
जानकारी
इन गेमर्स को मिलती है हर महीने सैलरी
अच्छा खेलने वाले प्रोफेशनल गेमर्स को कॉन्ट्रैक्ट्स ऑफऱ किए जाते हैं। इस तरह किसी ई-स्पोर्ट्स टीम और ग्रुप का हिस्सा बनने के बाद गेमर्स को फिक्स्ड सैलरी मिलने लगती है और उनका करियर भी दूसरे गेमर्स के मुकाबले स्टेबल हो जाता है।
कम्युनिटी
एक-दूसरे को सपोर्ट करते हैं सभी गेमर्स
फुल-टाइम गेमर्स के सामने कोई चुनौती आने की स्थिति में करियर पर क्या असर पड़ता है, इसके जवाब में हर्नित ने बताया कि पूरी कम्युनिटी ऐसी स्थिति में गेमर्स को सपोर्ट करती है।
हर्नित ने बताया, "पिछले साल भारत में PUBG मोबाइल गेम पर बैन लगने के बावजूद टीम्स और ऑर्गनाइजेशंस ने गेमर्स को सपोर्ट किया और लॉकडाउन के दौरान भी उन्हें सैलरी देते रहे।"
इसके अलावा जरूरत पड़ने पर गेमर्स चैरिटी स्ट्रीम्स करते हैं और डोनेशंस भी देते हैं।
गेम्स
इन गेम्स में हैं ज्यादा संभावनाएं
नए गेमर्स को सबसे ज्यादा वक्त कौन से गेम्स खेलते हुए बिताना चाहिए, इस पर हर्नित गरेना फ्रीफायर और बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया का नाम लेते हैं।
उनका कहना है कि इन मोबाइल गेम्स के अलावा वॉलरेंट गेम भी पसंद किया जा रहा है और इससे जुड़ी स्ट्रीमिंग देखने वाले भी ज्यादा है।
हर्नित कहते हैं, "भारत में वीडियो स्ट्रीमिंग और प्रो-गेमिंग करने का मन बना रहे नए गेमर्स को इन गेम्स पर ज्यादा फोकस करना चाहिए।"
प्लेटफॉर्म
मोबाइल या PC गेमिंग में क्या बेहतर?
गेमर्स को किस प्लेटफॉर्म या डिवाइस पर ज्यादा गेमिंग करनी चाहिए, इसे लेकर हर्नित ने कहा कि यह प्लेयर की पसंद पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, "बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया और फ्रीफायर जैसे मोबाइल गेम्स के अलावा PC पर वॉलरेंट और GTA V जैसे गेम्स खेले पसंद किए जा रहे हैं। हालांकि, भारत में मोबाइल गेमिंग का ज्यादा क्रेज देखने को मिल रहा है।"
कम खर्च में गेमिंग के लिए भी मोबाइल गेम्स से शुरुआत की जा सकती है।
जरूरत
माता-पिता और गेमर्स को समझनी चाहिए ये बातें
हर्नित ने कहा, "प्रो-गेमर बनने में वक्त लगता है, रिसोर्सेज लगते हैं और इसके लिए मेहनत करनी होती है। माता-पिता को भी यह बात समझनी चाहिए।"
माता-पिता और गेमर्स को सलाह देते हुए हर्नित कहते हैं कि गेमिंग के साथ-साथ एजुकेशन पर फोकस जरूर होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "गेमिंग को पैशन बनाना अच्छा है, लेकिन इसके पढ़ाई जरूर पूरी करनी चाहिए। साथ ही गेमर्स को अपनी फिजिकल और मेन्टल फिटनेस पर भी ध्यान देना चाहिए।"