'द केरल स्टोरी': सुप्रीम कोर्ट का रिलीज पर रोक की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार
क्या है खबर?
सुदीप्तो सेन के निर्देशन में बनी 'द केरल स्टोरी' को लेकर चल रहा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
सुप्रीम कोर्ट में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि यह नफरत फैलाने को बढ़ावा दे रही है।
हालांकि, मंगलवार को कोर्ट ने रोक लगाने की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि याचिकाकर्ता इसे लेकर हाई कोर्ट क्यों नहीं चले जाते।
विवाद
क्यों हो रहा फिल्म को लेकर विवाद?
'द केरल स्टोरी' 3 लड़कियों की कहानी है, जिन्हें धर्म परिवर्तन के बाद आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) में शामिल कराया जाता है।
इसमें 32,000 लड़कियों के धर्म परिवर्तन की बात कही गई जा रही है, जिसको लेकर विरोध हो रहा है।
कहा जा रहा है कि ऐसा करके फिल्म के निर्माता केरल की छवि खराब कर रहे हैं और लव जिहाद दिखा रहे हैं।
हालांकि, निर्माताओं का कहना है कि उन्होंने साक्ष्य के आधार पर ही फिल्म बनाई है।
विस्तार
याचिकाकर्ता के वकील ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता निजाम पाशा न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ के समक्ष पेश हुए थे।
उन्होंने याचिका का उल्लेख करते हुए कहा, "यह फिल्म घृणा फैलाने वाले भाषण का सबसे बदतर उदाहरण है। यह पूरी तरह से आडियो वीडियो विजुअल प्रचार है।"
उन्होंने पीठ को सूचित किया कि फिल्म 5 मई को रिलीज होने वाली है और इसके ट्रेलर को अभी तक 1 करोड़ 60 लाख लोग देख चुके हैं।
बयान
पीठ ने प्रमाणपत्र को चुनौती देने की कही बात
वकील की दलील सुनने के बाद पीठ ने कहा, "कई तरह के नफरत भरे भाषण होते हैं। इस फिल्म को सर्टिफिकेशन मिल गया है और सेंसर बोर्ड ने इसे मंजूरी दे दी है। यह ऐसा नहीं है कि कोई व्यक्ति मंच पर चढ़कर अनाप-शनाप भाषणबाजी करने लगे।"
पीठ ने आगे कहा, "यदि आप फिल्म की रिलीज को चुनौती देना चाहते हैं तो आपको प्रमाणपत्र को चुनौती देनी चाहिए और वो भी उपयुक्त मंच के माध्यम से।"
बयान
याचिकाकर्ता को पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए- पीठ
अधिवक्ता सिब्बल ने कहा कि वह जो जरूरी होगा सब करेंगे। इस पर न्यायमूर्ति नागरत्ना ने याचिकाकर्ता को पहले हाई कोर्ट जाने की बात कही।
अधिवक्ता ने 5 मई को फिल्म की रिलीज के लिए समय न होने का हवाला दिया तो पीठ ने कहा, "यह कोई आधार नहीं होता। अगर ऐसा होने लगेगा तो हर कोई सुप्रीम कोर्ट में आने लगेगा।"
बता दें कि सेंसर बोर्ड से फिल्म को 10 सीन में बदलाव के साथ 'A' सर्टिफिकेट मिला है।