#NewsBytesExplainer: बॉलीवुड में जोर पकड़ रहा सीक्वल फिल्मों का चलन, कैसे बना कमाई का नया मंत्र?
जब-जब कोई फिल्म हिट होती है, निर्माता उसकी सफलता को भुनाने के लिए उसके सीक्वल पर जरूर विचार करते हैं। सीक्वल अभी तक ज्यादातर उन्हीं फिल्मों के बने हैं, जिन्हें दर्शकों से उम्मीद से ज्यादा बढ़िया प्रतिक्रिया मिली है। इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर फुकरों का जादू चल रहा है। दरअसल 'फुकरे' का तीसरा भाग 'फुकरे 3' सिनेमाघरों में धमाल मचा रहा है। आइए जानते हैं क्यों फल-फूल रहा सीक्वल फिल्मों का चलन और बॉलीवुड में कब हुई इसकी शुरुआत।
होता क्या है सीक्वल?
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि सीक्वल आखिर किस चिड़िया का नाम है। साधारण शब्दों में कहें तो किसी भी फिल्म के अगले भाग को उसका सीक्वल कहा जाता है। इसमें अगली फिल्म की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहली फिल्म की कहानी खत्म हुई थी। कलाकार भी अमूमन एक ही होते हैं, वहीं फिल्म को ऐसे दिलचस्प मोड़ पर खत्म किया जाता है कि दर्शकों को पहले ही उसके अगले भाग का संकेत मिल जाता है।
कामयाबी का नया जरिया
सीक्वल दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने का एक सबसे सुरक्षित तरीका बन गए हैं। 2023 में रिलीज हुईं फिल्मों की कमाई को देखकर तो यह कहा जा सकता है कि निर्माताओं-निर्देशकों को एक बार फिर सीक्वल के रूप में सफलता का एक नया मंत्र मिल गया है। इनकी लोकप्रियता इसलिए भी चरम पर है, क्योंकि नए किरदार और कहानी गढ़ने के बजाय पुरानी कहानियों और किरदारों पर काम करना आसान होता है, वहीं जोखिम की संभावना भी कम होती है।
पुरानी है सीक्वल फिल्मों की परंपरा
बॉलीवुड जब ब्लैक एंड व्हाइट पर्दे के दौर से गुजर रहा था, तभी 1935 में 'हंटरवाली' नाम की एक फिल्म रिलीज हुई थी। फिल्म हिट रही। फिर 1943 में फिल्म 'हंटर वाली की बेटी' दर्शकों के बीच आई। यही वो फिल्म थी, जिसे बॉलीवुड की पहली सीक्वल फिल्म बताया जाता है। फिल्म की हीरोइन फीयरलेस नाडिया थी। यहीं से शुरू हुआ ये सीक्वल फिल्मों का दौर, जो बॉलीवुड की झोली में एक के बाद एक कई सुपरहिट फिल्में डाल गया।
'गदर 2' के गदर मचाते ही भूषण कुमार ने किया आधा दर्जन सीक्वल फिल्मों का ऐलान
हाल-फिलहाल मिली फिल्मों की सफलता को देखते हुए निर्माता और टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार ने आधा दर्जन सीक्वल का ऐलान कर दिया। 'गदर 2' का धाकड़ प्रदर्शन देख उन्होंने बीते सितंबर 'यारियां 2' से लेकर 'दे दे प्यार दे 2', 'धमाल 4', 'भूल भुलैया 3', 'आशिकी 3', 'रेड 2' और 'मेट्रो: इन दिनों' की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सीक्वल फिल्मों ने ही मृतप्राय हो चुकी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को फिर से जीवन देने का काम किया है।
इस साल आईं इन फिल्मों ने खाेले और सीक्वल फिल्मों के दरवाजे
इस साल आई फिल्म 'गदर 2' ने बॉक्स ऑफिस पर जमकर धमाल मचाया। 'OMG 2' को लेकर बने इतने नकारात्मक माहौल के बावजूद यह टिकट खिड़की पर सफल रही, वहीं 'गदर 2' की सुनामी में भी 'ड्रीम गर्ल 2' 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गई। अब 'जवान' की आंधी में 'फुकरे 3' बॉक्स ऑफिस पर अपने पैर जमाए हुए है। इन फिल्मों को मिली सफलता के बाद फिल्म इंडस्ट्री में सीक्वल फिल्मों को लेकर भरोसा बढ़ गया है।
जरूरी नहीं हर हिट आगे भी फिट हो
निर्माता को भरोसा होता है कि जिसने पहली फिल्म देखी है, वह दूसरी भी जरूर देखेगा।अब वो पहली बार में तो पकड़ बना लेता है, लेकिन दूसरी बार में जरूरी नहीं कि उसके फिल्म की कहानी उतनी ही दमदार हो। कई बार ऐसा देखने को मिला है। 'तुम बिन 2', 'फिर हेराफेरी', 'जय गंगाजल', 'हंगामा 2', 'बंटी और बबली 2', 'सड़क 2', 'सत्यमेव जयते 2', 'लव आजकल', 'रेस 3' और 'एक विलेन रिटर्न्स' जैसी कई सीक्वल फिल्में फ्लॉप रही हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
इंटरनेट मूवी डाटबेस (IMDb) के मुताबिक, जिन बॉलीवुड फिल्मों के सीक्वल को सबसे कम रेटिंग मिली है, उनमें सबसे पहले स्थान पर 3.1 रेटिंग के साथ 'जिस्म 2' है। दूसरे स्थान पर 3.4 रेटिंग के साथ 'यमला पगला दीवाना 2' है। 3.7 रेटिंग के साथ तीसरे स्थान में 'ग्रेट गैंड मस्ती' तो चौथे स्थान पर 'डबल धमाल' है। इस फिल्म को 3.9 रेटिंग दी गई है। सनी लियोनी की फिल्म 'रागिनी एमएमस 2' को भी इतनी ही रेटिंग मिली है।
सीक्वल के भरोसे बॉलीवुड?
आज नई कहानियों से ज्यादा निर्माता-निर्देशक पुरानी कहानियां को वापस लाने यानी सीक्वल बनाने में ज्यादा जोर दे रहे हैं। दर्शक भी अपने पसंदीदा पात्रों से जुडाव महसूस करते हैं और आगे की कहानी जानने को लालायित रहते हैं। 2023 ही नहीं, बल्कि 2024 भी सीक्वल फिल्मों के नाम रहने वाला है। अब सबकी नजरें 'हेरा फेरी 4', 'वेलकम टू ज जंगल', 'टाइगर 3', 'डॉन 3', 'भेड़िया 2', 'स्त्री 2', 'आवारा पागल दीवाना 2' और 'ब्रह्मास्त्र 3' पर हैं।