
'आदिपुरुष' पर फूटा 'महाभारत' के कलाकारों का गुस्सा, गजेंद्र चौहान ने की प्रतिबंध की मांग
क्या है खबर?
विवादित फिल्म 'आदिपुरुष' पर लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोशल मीडिया पर फिल्म के खराब VFX और रामायण के किरदारों से छेड़छाड़ के लिए आलोचना हो ही रही है।
कई हस्तियां भी फिल्म पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं।
बीते दिनों दूरदर्शन की 'रामायण' के कलाकारों ने फिल्म पर नाराजगी जाहिर की थी। अब 'महाभारत' के सितारों ने निर्देशक ओम राउत और मनोज मुंतशिर पर निशाना साधा है।
हिदायत
गजेंद्र चौहान ने भूषण कुमार को दी हिदायत
'महाभारत' में युधिष्ठिर की भूमिका निभाने वाले गजेंद्र चौहान ने इंडिया टुडे से बातचीत में बताया कि टिकट खरीदने के बाद भी वह फिल्म देखने नहीं गए। वह अपनी आस्था से समझौता नहीं करना चाहते हैं।
उन्होंने भूषण कुमार को भी हिदायत दी कि उन्हें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे उनके पिता गुलशन कुमार रखते थे और जिस तरह वह धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते थे। भविष्य में ऐसी तरह की चीजें बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।
सेंसर बोर्ड
सेंसर बोर्ड पर उठाए सवाल
उन्होंने सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को पास किए जाने के फैसले पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, "यह फिल्म रिलीज ही नहीं होनी चाहिए थी। इस फिल्म पर प्रतिबंध लगना चाहिए। सरकार को तुरंत इस फिल्म पर रोक लगानी चाहिए।"
फिल्म के संशोधित संवादों पर उन्होंने कहा कि अब इसका कोई फायदा नहीं है। लोग फिल्म को नकार चुके हैं और निर्माताओं को सजा दे चुके हैं। निर्माताओं को इसके लिए सजा मिलनी चाहिए।
बयान
मुंतशिर ने सोशल मीडिया से कॉपी किए संवाद- चौहान
लेखक मुंतशिर पर भी चौहान का गुस्सा फूटा। उन्होंने कहा, "लेखक ने अपनी अज्ञानता से दुनिया का परिचय कराया है। उन्हें कोई ज्ञान नहीं है। उन्होंने सोशल मीडिया से अलग-अलग लोगों की बातें ली, उन्हें जोड़ दिया और इस तरह दिखाया कि यह उन्होंने लिखा है। वह अभी भी जिद पर हैं और इस तरह की जिद कलाकार को शोभा नहीं देती।"
बता दें मुंतशिर अपने लिखे संवादों के पक्ष में लगातार तर्क दे रहे हैं।
गिरिजा शंकर
धृतराष्ट्र गिरिजा शंकर ने भी जताई नाराजगी
'महाभारत' में धृतराष्ट्र का किरदार निभाने वाले अभिनेता गिरिजा शंकर ने भी फिल्म के संवादों पर आपत्ति जताई।
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ऐसे संवादों पर वह क्या प्रतिक्रिया दें। हनुमान या फिल्म के अन्य किरदार इस तरह की भाषा कैसे बोल सकते हैं, जैसे उन्हें फिल्म में बोलता हुआ दिखाया गया है। आप रामायण दिखा रहे हैं और इस तरह की टपोरी भाषा इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं थी।
नसीहत
उदाहरण पेश कर सकते थे निर्माता- शंकर
उन्होंने आगे कहा, "रामायण और राम चरित मानस सदियों और पीढ़ियों से दिखाई जा रही है। मुझे लगता है कि इस तरह की भाषा के इस्तेमाल की बजाय वे कहीं बेहतर कर सकते थे। वह बात करने का बेहतर तरीका ढूंढ सकते थे, बेहतर संवाद लिख सकते थे और एक उदाहरण पेश कर सकते थे। वे नई पीढ़ी के लिए पैमाने तय कर सकते थे कि कंटेंट कितना अच्छा है और इसे कितनी शालीनता से दिखाया गया है।"
मुकेश खन्ना
मुकेश खन्ना ने भी लगाई थी फटकार
इससे पहले 'भीष्म पितामाह' मुकेश खन्ना भी 'आदिपुरुष' के निर्माताओं की फटकार लगा चुके हैं।
उन्होंने कहा था, "हर दशहरे पर गांव में राम लीला होती है। बच्चे जाकर नाटक देखते हैं। क्या निर्माता-निर्देशक या लेखक ये सोचते हैं कि बच्चे मूर्ख हैं, जो रामायण की कहानी और इसके मूल्यों को नहीं जानते हैं। निर्माताओं ने लोगों को बेवकूफ और अज्ञानी मान लिया। इन्हें किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जाना चाहिए।"