दिग्गज अभिनेत्री स्मृति बिस्वास का निधन, 100 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
मनोरंजन जगत से एक बुरी खबर सामने आ रही है। दरअसल, बॉलीवुड और बंगाली सिनेमा में मशहूर अभिनेत्री स्मृति बिस्वास नहीं रहीं। उन्होंने 100 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा है। बीते बुधवार शाम को नासिक स्थित अपने घर में उन्होंने आखिरी सांस ली। बताया जा रहा है कि स्मृति पिछले काफी समय से उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं। उनके जाने से मनोरंजन जगत में शोक की लहर है।
फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने दी श्रद्धांजलि
फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (FHF) ने एक्स पर लिखा, 'कल गुजरे जमाने की अभिनेत्री स्मृति बिस्वास के निधन की खबर सुनकर FHF को गहरा दुख हुआ। स्मृति बिस्वास ने इस साल फरवरी में अपने जीवन के 100 साल पूरे किए थे। वह 1940 और 50 के दशक में सबसे जिंदादिल और आकर्षक कलाकारों में से एक थीं।' इस पोस्ट को देख कई प्रशंसक और मनोरंजन जगत से जुड़ीं हस्तियां स्मृति को श्रद्धांजलि दे रही हैं।
नहीं रही दिग्गज अभिनेत्री स्मृति बिस्वास
हंसल मेहता ने किया ये पोस्ट
जाने-माने निर्देशक हंसल मेहता ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'शांति से एक खुशहाल जगह पर चले जाइए प्रिय स्मृतिजी। हमारे जीवन को धन्य करने के लिए धन्यवाद। भगवान आपको अपनी श्रीचरणों में स्थान दे।' बता दें कि स्मृति का अंतिम संस्कार आज यानी 4 जुलाई सुबह 10 बजे ईसाई रीति-रिवाजों के साथ हुआ। स्मृति 28 साल पहले अपनी ईसाई मिशनरी बहन के संरक्षण में रहने के लिए नासिक चली गई थीं और वहां एक साधारण घर में रहती थीं
कई दिग्गज अभिनेताओं और निर्देशकों के साथ किया काम
स्मृति ने 10 की उम्र में बंगाली फिल्म 'संध्या' में बतौर बाल कलाकार अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने कई हिंदी, मराठी और बंगाली फिल्मों में अभिनय किया है। स्मृति ने गुरु दत्त, वी शांताराम, मृणाल सेन, बिमल रॉय, बीआर चोपड़ा और राज कपूर जैसे बड़े निर्देशकों की फिल्मों में काम किया। वह देव आनंद और किशोर कुमार जैसे कई बड़े कलाकारों संग पर्दे पर दिखीं। 1960 में शादी करने के बाद स्मृति ने अभिनय से संन्यास ले लिया।
गरीबी में जीवन जी रही थीं स्मृति
अपनी मृत्यु से पहले वे नासिक में अपने 2 बेटों के साथ गरीबी में जीवन जी रही थीं। स्मृति अपने जीवन में 28 घर बदल चुकी थीं। उन्हें मुंबई छोड़कर नासिक में रहना पड़ा। उनके दिल्ली, मुंबई और महाबलेश्वर में भी बंगले थे, लेकिन वो उनके रिश्तेदारों ने हथिया लिए। उन्हें दादा साहब फाल्के गोल्डन एरा जैसे अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। वह 'सैलाब', 'तीन बत्ती', 'जागते रहो', 'चांदनी चौक' और 'चार रास्ता' जैसी कई सफल फिल्मों का हिस्सा रहीं।