लता मंगेशकर के जीवन से जुड़े अनसुने राज, जिनसे जरूर अनजान होंगे आप
क्या है खबर?
अपने गानों से आंखों में आंसू ला देने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने जब इस दुनिया को अलविदा कहा तो देश और दुनियाभर में उनके चाहने वालों की आंखें उन्हें याद करते हुए एक बार फिर भर आई थीं।
'अजीब दास्तां है ये.. कहां शुरू कहां खत्म' जैसे कईं मशहूर गाने गा चुकीं लता की आवाज ही उनकी पहचान थी।
आज (6 फरवरी) लता की पुण्यतिथि पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें बताने वाले हैं।
भविष्यवाणी
नूर जहां ने कर दी थी ये भविष्यवाणी
प्रसिद्ध गायिका नूर जहां भी लता की आवाज की मुरीद थीं। उन्होंने एक बार 14 साल की लता को देखकर यह भविष्यवाणी कर दी थी कि वह एक दिन विश्व विख्यात गायिका बनेंगी।
यह तब की बात है, जब नूर जहां बंटवारे के बाद पाकिस्तान चली गई थीं और फिर भारत आई थीं। तब छोटी सी लता से कहा गया कि वह नूर जहां के सामने गाना गाएं। लता ने गाया तो नूर जहां उनकी आवाज पर फिदा हो गईं।
बदनामी का डर
"ये लड़की अपने पिता का नाम खराब कर देगी"
जब लता 13 साल की थीं, तभी पिता की मौत हो गई थी। ऐसे में परिवार को आर्थिक सहारा देने के लिए लता ने कुछ फिल्मों में एक्टिंग भी की। इसके लिए उन्हें खूब ताने भी सुनने पड़े।
लता के चाचा समेत कई रिश्तेदार उनसे नाराज थे। वे ताना मारते कि ये लड़की अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर का नाम खराब कर देगी, उसे मिट्टी में मिला देगी, लेकिन लता ने उन तानों को अपनी राह में कांटे नहीं बनने दिया।
पुरस्कार
मिला ये बड़ा सम्मान
लता को फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑफिसर डि ला लीजन द ऑनर' से नवाजा जा चुका है। इससे पहले यह सम्मान ऑस्कर विजेता भारतीय निर्देशक सत्यजीत रे और महानायक अमिताभ बच्चन को दिया जा चुका है।
लता को 'ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर' प्रदान करना इस बात का प्रमाण है कि उनका संगीत अनुपम था।
'लीजन ऑफ ऑनर' फ्रांस गणराज्य द्वारा अपने नागरिक और विदेशियों को दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
रिकॉर्ड
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
3 राष्ट्रीय पुरस्कार, अपने 80 साल के लंबे करियर में 36 भाषाओं में 30,000 गाने, भारत रत्न, पद्म विभूषण पाने वाली लता का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
आप शायद ही इस बात से वाकिफ होंगे कि लता ने मराठी फिल्म 'किती हसाल' से फिल्मी दुनिया में अपने गायन करियर की शुरुआत की थी, लेकिन यह गाना कभी दुनिया के सामने आया ही नहीं, क्योंकि फिल्म के फाइनल कट से गाना हटा दिया गया था।
प्रतिक्रिया
गुलाम अली ने लता को सुनने के बाद दी थी ये प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी गायक बड़े गुलाम अली ने लता का गीत 'ये जिंदगी उसी की है' सुनने के बाद कहा था, "कमबख्त कभी बेसुरी ही नहीं होती।"
फिल्म 'वीर-जारा' में गाना गाने के लिए लता ने पैसे नहीं लिए थे। फिल्म की रिलीज के बाद यश चोपड़ा ने उन्हें मर्सिडीज कार तोहफे में भिजवाई थी।
लता को हीरे-पन्नों का भी काफी शौक था। साल 1948 में उन्होंने अपने लिए हीरे की अंगूठी बनवाई थी। लता सोने की पायल पहना करती थीं।