'लाल सिंह चड्ढा' रिव्यू: जुनून और प्यार की कहानी है फिल्म, फिर छा गए आमिर
क्या है खबर?
आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा' आज सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। लंबे समय बाद उन्होंने इस फिल्म से बड़े पर्दे पर वापसी की है। इसमें उनके साथ करीना कपूर दिखी हैं।
मोना सिंह, मानव विज और नागा चैतन्य भी फिल्म का हिस्सा हैं।
यह हॉलीवुड फिल्म 'फॉरेस्ट गंप' की हिंदी रीमेक है, जिसमें आमिर वाला किरदार टॉम हैंक्स ने निभाया था। इसे आमिर ने खुद प्रोड्यूस किया है, जबकि इसके निर्देशक अद्वैत चंदन हैं।
आइए जानें कैसी है फिल्म।
कहानी
ऐसी है फिल्म की कहानी
आमिर ने लाल सिंह चड्ढा का किरदार निभाया है, जोकि एक दिव्यांग व्यक्ति है। लाल बचपन से दूसरे बच्चों की तुलना में अलग है। हालांकि, उसकी मां (मोना) को हमेशा लगता है कि उसका बच्चा खास है।
लाल अपने पूर्वजों से प्रेरित होकर सेना में शामिल होता है। उन्हें कारगिल युद्ध में अपने साथियों की जान बचाने के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया जाता है।
लाल और रूपा (करीना कपूर) की प्रेम कहानी इस फिल्म को मुकम्मल बनाती है।
अभिनय
फिर दिखा आमिर का टिपिकल अंदाज
आमिर ने अपने करिदार के साथ न्याय किया है। उन्हें देखकर कभी आपको हंसी आएगी, तो कभी आखें नम हो जाएंगी। वह लाल के किरदार में पर्दे पर छा गए हैं।
एक पंजाबी शख्स की भूमिका को निभाना बिल्कुल भी आसान नहीं था। पजाब की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म में उनका गेटअप कमाल का लगा। पंजाबी लहजे और पगड़ी में वह खूब जमे हैं।
करीना के साथ उनकी बॉन्डिंग को भी लोगों ने सराहा है।
प्रदर्शन
आमिर की मां बनकर मोना ने लूटी महफिल
आमिर की मां की भूमिका में अभिनेत्री मोना ने कमाल कर दिया है। यह उनके करियर की अहम फिल्म साबित हो सकती है।
एक मां के रूप में जो प्यार, समपर्ण और महत्वाकांक्षा होनी चाहिए, वही चीजें उनके अभिनय में दिखीं।
करीना की बात करें तो उनके काम को भी पसंद किया गया है।
नागा अपनी डेब्यू फिल्म में लोगों को हंसाते हुए नजर आए। मानव विज ने एक बार फिर खलनायक के किरदार में लोगों का दिल जीता है।
फैमिली एंटरटेनर
ये चीजें फिल्म को बनाती हैं फैमिली एंटरटेनर
'लाल सिंह चड्ढा' की खास बात यह है कि यह एक फैमिली एंटरटेनर फिल्म है। इसमें कॉमेडी, रोमांस और इमोशन का जबरदस्त छौंक लगाया गया है।
फिल्म के डायलॉग कमाल के हैं। आमिर एक डायलॉग में कहते हैं, "मां कहती थीं कि जिंदगी गोलगप्पे जैसी होती है, पेट भर जाता है, लेकिन मन नहीं भरता।"
इसमें आमिर और करीना का एक किसिंग सीन भी है। फिल्म दर्शकों को साहस, प्रेम, जुनून और मस्ती के अलग सफर पर लेकर जाती है।
जानकारी
कैसा है फिल्म का संगीत?
फिल्म का संगीत आपको झूमने पर मजबूर कर देगा। प्रीतम ने ऐसी धुनें बनाई हैं, जो माहौल को रोमांटिक बना देती हैं। 'फिर ना ऐसी रात आएगी', 'कहानी' और 'मैं की करां?' जैसे गाने लोगों को लंबे समय तक याद रहेंगे।
खामियां
क्या रहीं फिल्म की खामियां?
फिल्म की लंबाई इसकी कमजोर कड़ी है। यह फिल्म 2 घंटे 39 मिनट लंबी है, यही वजह है कि कभी-कभी यह बोरिंग लगने लगती है।
कारगिल युद्ध के सीक्वेंस पर और काम किया जा सकता था। फिल्म देखकर दर्शकों में युद्ध की फीलिंग नहीं आती।
कई बार ऐसा लगता है कि इसमें 1984 के सिख विरोधी दंगे, ऑपरेशन ब्लू स्टार, 26/11 आतंकी हमला और 1975 के आपातकाल के दृश्यों को जरूरत से अधिक ठूसा गया है।
जानकारी
निर्देशक अद्वैत से यहां हुई चूक
पहले हाफ में फिल्म की गति थोड़ी धीमी है। ऐसा लगता है कि जैसे मेकर्स ने भूमिका बांधने में ही अधिक समय खर्च कर दिया। निर्देशक अद्वैत से यहीं पर चूक हुई। ये अलग बात है कि सेकेंड हाफ में फिल्म रफ्तार पकड़ लेती है।
निष्कर्ष
फिल्म देखें या नहीं?
यदि आप आमिर के फैंस हैं, तो आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए। इसमें दर्शकों को उनका जुदा अंदाज नजर आएगा।
यह औसत से बढ़िया फिल्म है। अगर आप रोमांटिक फिल्मों के शौकीन हैं, तो आपको इसमें प्यार की नई बानगी देखने को मिलेगी।
यदि आप ऑरिजनल फिल्म से प्रेरित होकर फिल्म देखने जाएंगे, तो आपके हाथ निराशा लगेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें कई बदलाव किए गए हैं।
हमारी तरफ से फिल्म को पांच में से 3.5 स्टार।