#BirthdaySpecial: शादी के लिए बदलना पड़ा था शर्मिला टैगोर को धर्म, बनी आयशा सुल्तान
हिंदी सिनेमा की सफल अभिनेत्रियों की बात की जाती है तो शर्मिला टैगोर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। इनका जन्म 8 दिसंबर, 1946 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनके पिता गितिन्द्रनाथ टैगोर, रबीन्द्रनाथ टैगोर के रिश्तेदार थे। जन्म के कुछ दिन बाद ही शर्मिला के पिता इन्हें हैदराबाद ले गए थे। शर्मिला ने 1959 में सत्यजीत रे की बांग्ला फ़िल्म 'अपूर संसार' से अभिनय की दुनिया में क़दम रखा था।
'कश्मीर की कली' ने रातों-रात बना दिया स्टार
बॉलीवुड में शर्मिला को पहला मौक़ा निर्देशक शक्ति सामंत ने दिया। उस समय के मशहूर बॉलीवुड अभिनेता शम्मी कपूर के साथ शर्मिला को 'कश्मीर की कली' में काम करने का मौक़ा मिला। इस फ़िल्म ने शर्मिला को रातों-रात स्टार बना दिया। इसके बाद शर्मिला को शक्ति सामंत की सुपरहिट फ़िल्मों 'आराधना' और 'एन ईवनिंग इन पेरिस' में भी काम करने का मौक़ा मिला। शक्ति सामंत ही वो निर्देशक थे, जिन्होंने शर्मिला की जोड़ी राजेश खन्ना के साथ बनाई थी।
होना पड़ा था लोगों के ग़ुस्से का शिकार
साल 1967 बॉलीवुड के लिए ऐतिहासिक बना। इसी साल 'एन ईवनिंग इन पेरिस' आई थी। इस फ़िल्म में पहली बार किसी अभिनेत्री ने बिकनी पहनी थी। भले ही आज के समय में यह आम बात हो, लेकिन उस दौर में यह बहुत बड़ी बात थी। इसकी वजह से शर्मिला को कई लोगों के ग़ुस्से का शिकार भी होना पड़ा था। वो ऐसा समय था जब लोग अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के फ़ैशन को कॉपी किया करते थे।
संसद में भी हुआ था बवाल
जिस समय 'एन ईवनिंग इन पेरिस' रिलीज़ हुई, उस समय शर्मिला की मंसूर अली खान पटौदी से सगाई हो चुकी थी। ऐसा माना जा रहा था कि इस बवाल के बाद नवाब ख़ानदान उनसे रिश्ता तोड़ लेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यह अपने दौर की पहली अभिनेत्री थीं, जिन्होंने किसी मैगज़ीन के लिए बिकनी पोज दिया था। शर्मिला के फ़िल्मफ़ेयर मैगज़ीन के लिए बिकनी पोज देने की वजह से संसद में भी बवाल हुआ था।
निकाह के बाद बनी आयशा सुल्तान
शर्मिला की शादी आसान नहीं थी। पटौदी से निकाह के लिए शर्मिला को मुस्लिम धर्म अपनाना पड़ा था। शर्मिला को मुस्लिम धर्म अपनाने की ज़िद उनकी सास और भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खां की बेटी साजिदा सुल्तान की थी। 27 दिसंबर, 1969 को आयोजित एक निकाह समारोह में मंसूर अली खान पटौदी से शादी करके शर्मिला पटौदी ख़ानदान की बहू बनीं। निकाह के बाद शर्मिला ने इस्लाम क़बूल कर लिया और अपना नाम आयशा सुल्तान रख लिया।
शशि कपूर की फैन शर्मिला
शर्मिला टैगोर ने मशहूर निर्देशकों ऋषिकेश मुखर्जी, बासु भट्टाचार्य, शक्ति सामंत, गुलज़ार और यश चोपड़ा के साथ काम किया। फ़िल्मों में इनके साथी कलाकार शम्मी कपूर, शशि कपूर, संजीव कुमार, धर्मेन्द्र, राजेश खन्ना रहे। एक बार शर्मिला ने कहा था कि वह शशि कपूर से ज़्यादा प्रभावित थीं। उनके साथ काम करने के बाद शर्मिला उनकी फ़ैन बन गईं। शर्मिला ने एक बार कहा था, उन दिनों ऐसा लगता था जैसे हर लड़की शशि कपूर से प्यार करती है।
शर्मिला का फ़िल्मी सफ़र
शर्मिला टैगोर ने पर्दे पर हर तरह के किरदार निभाए हैं। इन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी से लोगों के दिल में एक ख़ास पहचान बनाई। शर्मिला के फ़िल्मी सफ़र की बात करें तो इन्होंने 'अनुपमा' (1966), 'देवर' (1966), 'एन ईवनिंग इन पेरिस' (1967), 'आराधना' (1969), 'सत्यकाम' (1969), 'सफ़र' (1970), 'अमर प्रेम' (1971), 'छोटी बहू' (1971), 'दाग़' (1973), 'चुपके-चुपके (1975), ',मौसम' (1975), 'नमकीन' (1982), 'दूसरी दुल्हन' (1983), 'न्यू दिल्ली टाइम्स' (1985) आदि फ़िल्मों में काम किया है।
नवाज़ा गया कई पुरस्कारों से
शर्मिला टैगोर को फ़िल्मों में उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए कई पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया। 1970: सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड- आराधना 1975: सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार- मौसम 1998: फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2002: लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2003: सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार- अबर अरण्य 2010: लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2013: पद्म भूषण 2014: संस्कृति कालश्री पुरस्कार, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड