भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं पहली बार पर्दे पर कब दिखीं और अब तक कितना बदला चित्रण?
क्या है खबर?
जैसे-जैसे दशक बीतते गए, भारतीय सिनेमा में कमाल के बदलाव आए। मूक फिल्मों से लेकर, बोलने वाली फिल्मों औरे सुनहरे दौर से होते हुए आधुनिक और मौजूदा सिनेमा तक पहुंचे भारतीय सिनेमा ने सांस्कृतिक बदलावों में अहम भूमिका निभाई है।
भगवान कृष्ण के जन्म से लेकर उनकी लीलाओं को दिखाने तक, फिल्मकारों ने उन पर कई फिल्में बनाई हैं, वहीं पर्दे पर जन्माष्टमी की झलक भी दिख चुकी है।
एक नजर हिंदी सिनेमा में भगवान श्रीकृष्ण के बदलते स्वरूपों पर।
इरादा
सत्यजीत रे बनाने वाले थे फिल्म
बॉलीवुड में महाभारत के कई फिल्मी संस्करण मौजूद हैं। 'सत्यजीत रे: बियॉन्ड द फ्रेम' नाम की पुस्तक के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित फिल्म निर्माता ने महाकाव्य के एक नाटकीय रूपांतरण को निर्देशित करने का मन बनाया था, लेकिन उनका यह प्रोजेक्ट कभी बन नहीं सका।
वैसे परंपरागत रूप से चाहे मुकुट में लगा मोर पंख हो, हाथ में बांसुरी हो, बुद्धिमता हो, या महिलाओं के बीच उनकी दीवानगी, श्रीकृष्ण को हमेशा एक ही तरह से चित्रित किया गया है।
शुरुआत
1919 में पहली बार आई थी श्रीकृष्ण पर आधारित फिल्म
कृष्ण पर आधारित भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म 1919 में आई थी। इसका नाम 'कालिया मर्दन' है, जिसे भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहेब फाल्के ने किया था।
यह मूक फिल्म थी। इसका लेखन-निर्देशन उन्होंने ही किया था। जैसे-जैसे भारतीय सिनेमा तकनीकी रूप से सक्षम और समृद्ध होता गया, भगवान कृष्ण से जुड़ी कहानियां अलग-अलग भाषाओं में पर्दे पर आती रहीं।
70 और 80 के दौर में गोपाल कृष्ण और विश्वजीत अभिनीत 'कृष्णा कृष्णा' भी खूब चर्चा में रही।
बदलाव
अब मानवीय अवतार में दिखते हैं श्रीकृष्ण
हाल ही के वर्षों में फिल्मों में कृष्ण को अधिक मानवीय अवतार में दिखाया गया है न कि केवल एक दिव्य अवतार में।
श्याम बेनेगल की 1981 में आई 'कलयुग' में अमरीश पुरी की छोटी सी भूमिका से लेकर 2010 में आई प्रकाश झा की 'राजनीति' में नाना पाटेकर के किरदार तक, कृष्ण की भूमिका में पिछले कुछ सालों में कई बदलाव आए हैं।
'ओह माय गॉड' में अक्षय कुमार ने कृष्ण के मानवीय रूप को पर्दे पर दिखा था।
आधुनिक रूप
आधुनिक अवतार के श्रीकृष्ण
भगवान श्रीकृष्ण के एक आधुनिक ऑन-स्क्रीन 'अवतार' की बात करें तो अब वो बकायदा डिजाइनर के डिजाइन किए गए अच्छे कटिंग वाले कपड़े पहने दिखते हैं। यहां तक कि भगवान को मोटसाइकिल पर सवार भी देखा गया है।
अब श्रीकृष्ण केवल मनोरंजन के लिए बांसुरी बजाते हुए दिखाई देते हैं। वह एक आधुनिक व्यक्ति की तरह बात करते हैं, सभी के साथ सहानुभूति रखते हैं और यहां तक कि अपने भक्तों को भी उनकी पसंद चुनने की छूट देते हैं।
स्वरूप
कभी दोस्त तो कभी बने योद्धा
कृष्णा और उनके सखा सुदामा को केंद्र में रखकर कई फिल्मों बनी हैं। 1933 में आई जयंत देसाई की 'कृष्ण सुदामा' में जहां कृष्ण का दोस्ती वाला रूप सामने आया, वहीं 'श्रीकृष्ण लीला' में भगवान कृष्ण अपने दुष्ट मामा कंस द्वारा भेजे गए राक्षसों से लड़ते दिखे और उनका योद्धा वाला अवतार भी दर्शकों को बेहद पसंद आया।
इसी तरह 'भगवान श्रीकृष्ण', 'श्रीकृष्ण अर्जुन युद्ध' और 'कृष्णा द बर्थ' जैसी फिल्मों में कृष्णा की अलग-अलग भूमिका और लीलाएं दिखाई गईं।
जानकारी
श्रीकृष्ण पर बना सबसे चर्चित धारावाहिक
श्रीकृष्ण पर आधारित सबसे चर्चित धारावाहिक 'महाभारत' है, जो 80 के मध्य में दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ था। इस शो में नितीश भारद्वाज ने भगवान कृष्ण की भूमिका निभाई थी। फिरोज खान अर्जुन के किरदार में थे। इस धारावाहिक की लोकप्रियता आज भी कायम है।