केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए जारी कीं गाइडलाइन, प्रचार में पारदर्शिता जरूरी
क्या है खबर?
सोशल मीडिया आजकल लोगों की जिंदगी का एक अहम हिस्सा है।
ये सिर्फ दोस्तों से जुड़े रहने का जरिया नहीं रहा, बल्कि बाजार का भी मुख्य हिस्सा हो गया है।
सोशल मीडिया के जरिए कई लोग स्टार बन चुके हैं। उनके लाखों फॉलोअर्स हैं और वे विज्ञापनों से मोटा पैसा कमा रहे हैं।
अब केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए खास गाइडलाइन जारी की है, जिससे वे दर्शकों को गुमराह न कर सकें।
खबर
प्रमोशन को पारदर्शी रखने का निर्देश
सेलिब्रिटी और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, ब्रैंड प्रमोशन के जरिए दर्शकों को गुमराह न कर सकें, इसके लिए उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने खास गाइडलाइन जारी की है।
इस गाइडलाइन का नाम 'एन्डोर्समेंट नो हाउ' है।
इसमें प्रमोशन को सरल और पारदर्शी रखने का निर्देश दिया गया है।
इसके लिए इन्फ्लुएंसर को प्रमोशनल पोस्ट में 'एडवर्टिजमेंट', 'स्पॉनसर्ड', 'कोलैबोरेशन', और 'पेड प्रमोशन' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने के निर्देश हैं।
गाइडलाइन
प्रचार से पहले उत्पाद का खुद इस्तेमाल करें इन्फ्लुएंसर
व्यक्ति कोई भी ऐसे उत्पाद का प्रचार नहीं कर सकता, जिसका उसने खुद इस्तेमाल न किया हो या फिर उसका उचित निरीक्षण न किया हो।
उसे पोस्ट में यह साफ करना होगा कि वह पोस्ट प्रचार के लिए है।
इस संदेश को किसी ऐसी जगह दर्शाना होगा, जहां से दर्शक को वह साफ नजर आ सके। उसे हैशटैग्स में बीच में कहीं नहीं लगा सकते, जहां दर्शक उसे देख न सकें।
निर्देश
तस्वीर और वीडियो के लिए ये हैं निर्देश
प्रमोशन अगल तस्वीर के माध्यम से हो रहा है, तो तस्वीर पर यह दर्शाना होगा कि यह प्रचार है।
अगर प्रमोशन वीडियो या लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से है, तो पूरे वीडियो के दौरान यह बताए जाने के निर्देश हैं, कि यह एक प्रमोशनल वीडियो है।
इसे ऑडियो और वीडियो दोनों तरह से दर्शाना होगा।
इन्फ्लुएंसर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे हमेशा पुख्ता करें कि विज्ञापन में किए गए दावे सच हैं।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम
उपभोक्ताओं के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए है गाइडलाइन
ये निर्देश यह सुनिश्चित करने के लिए दिए गए हैं ताकि सोशल मीडिया पर प्रचार के दौरान उपभोक्ता संरक्षण कानून का पालन हो।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 ग्राहकों के अधिकार को संरक्षित करता है।
जानलेवा उत्पाद और सेवा के प्रचार से गुमराह होने से बचना ग्राहकों का अधिकार है।
उत्पाद की मात्रा, गुणवत्ता, शुद्धता और कीमत के बारे में सही जानकारी भी ग्राहकों का अधिकार है।
वे अनुचित व्यापार का शिकार होने पर न्याय की मांग कर सकते हैं।