'स्कूप' पर रोक लगाने की छोटा राजन की याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट ने की स्थगित
हंसल मेहता की सीरीज 'स्कूप' आज यह नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। एक ओर सीरीज को दर्शक पसंद कर रहे हैं तो जेल में बंद गैंगस्टर राजेंद्र निकल्जे उर्फ छोटा राजन ने इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। राजन ने गुरुवार को अदालत का रुख किया था, जिस पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उसकी याचिका को स्थगित कर दिया। साथ ही मेकर्स को 7 जून तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
राजन ने मांगा था 1 रुपये का हर्जाना
राजन ने सीरीज की रिलीज से एक दिन पहले 1 जून को अदालत में याचिका दायर कर 'स्कूप' पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। राजन का कहना है कि उसके व्यक्तित्व की विशेषताओं का उपयोग या दुरुपयोग उसकी पूर्व सहमति के बिना करना उसके व्यक्तित्व अधिकारों के साथ-साथ मानहानि का उल्लंघन करना है। इसके साथ उसने सीरीज को रिलीज न करने और ट्रेलर को हटाने की मांग की थी। साथ ही 1 रुपये हर्जाने के तौर पर मांगा था।
अगली तारीख पर होगी सुनवाई
न्यायमूर्ति एस जी डिगे की अवकाश पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जब अदालत को बताया गया कि सीरीज के सभी एपिसोड रिलीज हो चुके हैं तो राजन के वकील मिहिर देसाई ने तर्क दिया कि निर्माताओं को उनका नाम और तस्वीर हटाने का निर्देश दिया जाए। इस पर अदालत ने कहा, "सीरीज पहले ही रिलीज हो चुकी है तो अब हम इस मामले को अगली तारीख पर ही देखेंगे।"
7 जून को निर्माताओं को देना होगा हलफनामा
अदालत ने निर्देशक और नेटफ्लिक्स एंटरटेनमेंट सर्विसेज इंडिया सहित सीरीज के निर्माताओं को 7 जून तक अपना हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। पीठ ने राजन से कहा कि वह ये बताए कि ये बौद्धिक संपदा अधिकारों का मामला कैसे बनता है। इस पर राजन के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के पास उनकी छवि पर कॉपीराइट है, जिसका कोई भी उपयोग नहीं कर सकता। इसके बाद पीठ ने उन्हें अपने मामले में संशोधन करने के लिए कहा।
नेटफ्लिक्स ने दी ये दलील
नेटफ्लिक्स की ओर से पेश हुए वकील रवि कदम ने अदालत को बताया कि राजन पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के मामले में दोषी करार है और इसका फैसला सार्वजनिक डोमेन में मौजूद है। ऐसी में कोई भी उनके नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
क्या है 'स्कूप' की कहानी?
'स्कूप' पत्रकार जिग्ना वोरा के द्वारा 2019 में लिखी गई किताब बिहाइंड बार्स इन बायकुला माई डेज इन प्रिजन पर आधारित है। इसमें पत्रकार डे की हत्या और वोरा की गिरफ्तारी की कहानी दिखाई गई है। जून 2011 में पत्रकार ज्योतिर्मय की हत्या कर हुई थी। इस मामले में राजन और वोरा सहित 11 अन्य लोगों पर आरोप लगा था। मई 2018 में राजन सहित 8 को इस मामले में दोषी ठहराया गया था और वोरा बरी हो गई थीं।