उत्तर प्रदेश: अब नए मदरसों को नहीं मिलेगा अनुदान, योगी ने पलटा अखिलेश सरकार का फैसला

उत्तर प्रदेश में अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर यह फैसला लिया गया। उत्तर प्रदेश में इस समय 500 से अधिक मदरसों को अनुदान दिया जा रहा है। इससे पहले बीते महीने योगी सरकार ने आधुनिक मदरसा योजना के तहत राज्य में मदरसों की जांच के निर्देश दिए थे।
योगी सरकार ने यह निर्णय प्रदेश की समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए फैसले को पलटते हुए लिया है। अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में 2003 तक की मान्यता प्राप्त 146 मदरसों को अनुदान सूची पर लिए जाने का निर्णय हुआ था। इसके बाद 100 मदरसे अनुदान सूची पर ले लिए गए, लेकिन फिर भी 46 बच गए थे जिनमें से कुछ मदरसों ने अदालत का रूख किया था।
इन्हीं 46 मदरसों में से एक मदरसा मऊ के रहीमावाद का मदरसा इस्लामिया सफीनतुल हैदाया भी था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मदरसे को अनुदान देने का आदेश दिया था, इसलिए कैबिनेट में कोर्ट ने आदेश का अनुपालन करते हुए मऊ स्थित इस मदरसे को अनुदान सूची पर लिए जाने का फैसला किया। इसका साथ ही कैबिनेट ने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में लिए गए फैसले को पलटते हुए बाकी बचे 45 मदरसों को अनुदान नहीं देने का फैसला किया।
बता दें कि मौजूदा समय में कुल 558 मदरसों को योगी सरकार की तरफ से अनुदान दिया जा रहा है। अनुदान के अंतर्गत मदरसों के शिक्षकों, गैर शिक्षण कर्मियों को वेतन भत्ते का भुगतान किया जाता है। योगी सरकार को मिले एक अन्य प्रस्ताव में गोरखपुर के मदरसा नूरिया खैरिया बगही पीपीगंज को भी नीति के तहत अनुदान देने पर विचार करने के लिए कहा गया था। कैबिनेट ने इस मदरसे के मानकों की दोबारा जांच करवाने का निर्णय लिया।
अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा कि सरकार मकसद अच्छी और गुणवत्ता वाली शिक्षा देना है। उन्होंने कहा, "अब नए खुलने वाले मदरसों को अनुदान सरकार नहीं देगी। राज्य में दो तरह के मदरसे हैं। एक एडेड मदरसे जिनकी संख्या 558 है और दूसरी मान्यता प्राप्त मदरसे जिनकी संख्या 1,400 के करीब है। सरकार आगे भी मदरसों को मान्यता तो देगी, लेकिन उन्हें अनुदान नहीं मिल पाएगा।"
बता दें कि योगी सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना में शामिल राज्य के 7,442 मदरसों की जांच के लिए समितियां बनाई हैं। सरकार ने यह फैसला प्रदेश के कई जिलों में कागजों पर चल रहे फर्जी मदरसों की शिकायत मिलने के बाद लिया। अधिकारियों के मुताबिक, जांच में इन मदरसों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं, भूमि, भवन, किरायानामा की जांच की जाएगी। जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में 15 मई तक जांच पूरी कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया था।