उत्तर प्रदेश: तबादले से नाराज दो शिक्षिकाओं ने छात्राओं को बनाया बंधक, मामला दर्ज
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तबादले से नाराज दो महिला शिक्षकों ने 24 छात्राओं को स्कूल की छत पर बंद कर दिया। कई घंटों की मेहनत के बाद पुलिस की मदद से वापस छात्राओं को उनके हॉस्टल में लाया गया। प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और आरोपी अध्यापिकाओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है। इसके अलावा पुलिस ने भी दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
गुरुवार रात का है मामला
अमर उजाला के अनुसार, यह घटना गुरुवार रात की है, जब बेहजम ब्लॉक स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में दो शिक्षिकाओं ने छात्राओं को बंधक बना लिया। डर के मारे जब छात्राओं ने चिल्लाना शुरू किया तो प्रभारी वार्डन ललिता कुमारी मौके पर पहुंचीं और उन्होंने उच्च अधिकारियों को मामले की जानकरी दी। इसके बाद शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रात में ही हॉस्टल पहुंचे और छात्राओं को रिहा करवाया।
शिक्षिकाओं की आपसी गुटबाजी बनी वजह
रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल में तैनात गोल्डी कटियार, मनोरमा मिश्र की आशारानी यादव के साथ लंबे समय से गुटबाजी चल रही थी। इसके चलते आशारानी को उनके पद से हटा दिया गया था, लेकिन गुटबाजी फिर भी जारी रही। शिकायत मिलने पर विभाग ने गोल्डी कटियार और मनोरमा मिश्र का भी अलग-अलग स्कूलों में तबादला कर दिया, जिसके आदेश गुरुवार को जारी हुए थे। बताया जा रहा है कि दोनों शिक्षिकायें इस तबादले से खुश नहीं थीं।
तबादला रुकवाने के लिए छात्राओं को बनाया बंधक
तबादला रुकवाने के लिए दोनों शिक्षिकाओं ने गुरुवार रात करीब 8 बजे छात्राओं को छत पर ले जाकर बंधक बना लिया और उन पर अपने पक्ष में बयान देने का दबाव बनाया। अधिकारियों ने जब उनसे छात्राओं को रिहा करने की मांग की तो दोनों ने उन्हें नीचे आने से रोक लिया। इसके बाद पुलिस को मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने छात्राओं को छत से उतारकर हॉस्टल पहुंचाया और उनकी सुरक्षा के लिए दो महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया।
आरोपी शिक्षिकाओं के खिलाफ मामला दर्ज
शिकायत के बाद पुलिस ने गोल्डी कटियार और मनोरमा मिश्र के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। वहीं शिक्षा विभाग ने भी घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया है जो अगले तीन दिनों में सबूतों के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने पर शिक्षिकाओं को नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है।