फीस वापसी के नियम न मानने पर अब रद्द होगी कॉलेजों की मान्यता, UGC का आदेश
फीस वापसी के नियम का पालन नहीं करने पर अब सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि देश के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को शुल्क वापसी की पॉलिसी माननी पड़ेगी। UGC के मुताबिक, ऐसा न करने वाले शिक्षण संस्थानों के खिलाफ इन्हें दिए जाने वाले सभी प्रकार के अनुदान रोक दिए जाएंगे।
आयोग ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए लिया है ये फैसला
UGC के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने मंगलवार देर शाम सभी राज्यों, विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें साफ किया गया कि 2 अगस्त को फीस वापसी को लेकर तय नियमों का पालन करना होगा। 2 अगस्त को भेजे गए पत्र में आयोग ने कहा था कि वह नहीं चाहता कि कोरोना वायरस महामारी के बाद छात्रों के माता-पिता को किसी वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़े।
UGC का आदेश न मानने पर क्या-क्या कार्रवाई हो सकती है?
बता दें कि UGC ने फीस वापसी को लेकर पहली बार आठ तरह की सख्त कार्रवाई का लिखित आदेश जारी किया है। UGC ने कहा कि यदि ऐसे संस्थान समय रहते फीस वापसी की लंबित शिकायतों का निराकरण नहीं करते हैं, तो उन्हें कोई दूसरी सुविधा भी नहीं दी जाएगी। इसमें फीस वापसी नियम नहीं मानने पर किसी तरह का नया प्रोग्राम शुरू करने की अनुमति नहीं देना, डीम्ड विश्वविद्यालयों का दर्जा वापस लेने का जिक्र भी है।
31 अक्तूबर तक के आवेदन पर पूरी फीस वापस
UGC ने संस्थानों से 31 अक्टूबर तक छात्रों के दाखिले रद्द या दूसरी जगह एडमिशन लेने के मामले में पूरी फीस वापस करने को कहा था। इसमें यह स्पष्ट किया कि पूरा शुल्क वापस किया जाना चाहिए। इसके अलावा आयोग ने कहा कि 31 दिसंबर, 2022 तक एडमिशन रद्द या वापसी के मामले में भी प्रोसेसिंग फीस के रूप में 1,000 रुपये से अधिक की कटौती नहीं की जाएगी और पूरी फीस वापस कर दी जाएगी।
UGC ने ट्वीट किया फीस वापसी से जुड़ा पत्र
शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 में आयोग ने बनाई थी रिफंड पॉलिसी
बता दें कि UGC ने 16 जुलाई, 2021 को अपने दिशा-निर्देशों में शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 के दौरान छात्रों के प्रवेश या माइग्रेशन (प्रवास) के कारण रिफंड के लिए पॉलिसी बनाई थी।
CUET के नतीजों में देरी के बाद कई छात्रों ने निजी संस्थानों में लिया था प्रवेश
बता दें कि UGC की यह चेतावनी ऐसे समय पर आई है जब कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के नतीजों की घोषणा में देरी से इस साल प्रवेश प्रक्रिया रुक गई, जिससे कई चिंतित छात्र निजी संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए मजबूर हो गए। CUET का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा पहली बार भाग लेने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट प्रवेश के लिए किया गया था।