UGC ने छात्रों को दी बड़ी राहत, एडमिशन रद्द करने पर वापस मिलेगी पूरी फीस
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विभिन्न विश्वविद्यालयों या कॉलेजों के ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन लेने वाले लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। UGC ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि अगर कोई छात्र 31 अक्टूबर से पहले अपना प्रवेश रद्द करना चाहता है, तो फीस के लिए भुगतान की गई पूरी राशि, बिना रद्द शुल्क के उसे वापस कर दी जाए।
आयोग ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए लिया है ये फैसला
UGC ने उच्च शिक्षण संस्थानों को भेजे गए पत्र में मंगलवार को कहा कि आयोग ने यह निर्णय लिया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रों के प्रवेश रद्द करने पर उन्हें पूरी फीस वापसी की जानी चाहिए। पत्र में कहा गया है कि आयोग ने यह फैसला शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए लिया है। आयोग का कहना है कि वह नहीं चाहता कि कोरोना वायरस महामारी के बाद छात्रों के माता-पिता को किसी वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़े।
31 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच अपना एडमिशन वापस लेने पर देने पड़ेंगे 1,000 रूपये
UGC ने पत्र में कहा है कि अगर छात्र 31 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच अपना एडमिशन वापस लेते हैं, तो उनकी भी पूरी फीस वापस करनी होगी। हालांकि, उनसे रद्द शुल्क के रूप में अधिकतम 1,000 रूपये लिए जा सकते हैं यानी 31 अक्टूबर से पहले तक प्रवेश रद्द करने वाले छात्रों को पूरी फीस वापस मिल जाएगी जबकि 31 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच ऐसा करने पर छात्र को अधिकतम 1,000 रूपये देने पड़ सकते हैं।
प्राइवेट विश्वविद्यालयों की रिफंड पॉलिसी से हो सकती है छात्रों को परेशानी
कई प्राइवेट विश्वविद्यालयों की रिफंड वापसी की पॉलिसी के अनुसार, जो अगस्त और सितंबर के बीच से अपना शैक्षणिक सत्र शुरू कर रहे हैं, वे कक्षाएं शुरू होने के एक महीने बाद छात्रों का एडमिशन रद्द होने की स्थिति में कोई रिफंड नहीं देंगे। CUET के नतीजे जारी होने के बाद विश्वविद्यालयों में एडमिशन की प्रक्रिया सितंबर में शुरू होगी। तब तक प्राइवेट विश्वविद्यालयों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी और एक माह के अंदर रिफंड की विंडो समाप्त हो जाएगी।
शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 में आयोग ने बनाई थी रिफंड पॉलिसी
UGC ने 16 जुलाई, 2021 को अपने दिशा-निर्देशों में शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 के दौरान छात्रों के प्रवेश या माइग्रेशन (प्रवास) के कारण रिफंड के लिए पॉलिसी बनाई थी। बता दें कि हाल ही में UGC ने सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों से अपील की थी कि वे कक्षा 12 के छात्रों को विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने के लिए पर्याप्त अवसर सुनिश्चित करें और उनके बोर्ड के नतीजे आने के बाद ही एडमिशन के लिए आखिरी तारीख निर्धारित करें।