बिहार में सालों से अटकी 1,240 असिस्टेंट इंजीनियरों की भर्ती का रास्ता साफ
बिहार में सालों से अटकी असिस्टेंट इंजीनियरों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। इसके जरिए कुल 1,240 असिस्टेंट इंजीनियरों की भर्ती की जाएगी। पटना हाई कोर्ट ने असिस्टेंट इंजीनियर के भर्ती नियमों में किए गए बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
2018 में हुई थी भर्ती परीक्षा
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 3 मार्च, 2017 को असिस्टेंट इंजीनियरों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की थी। आवेदन प्रक्रिया संपन्न होने के बाद 15 सितंबर, 2018 को प्रारंभिक परीक्षा हुई थी और इसका परिणाम 30 जनवरी, 2019 को घोषित किया गया था। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए मुख्य परीक्षा 27 मार्च से 31 मार्च, 2019 तक हुई थी। मुख्य परीक्षा का परिणाम 24 जनवरी, 2021 को जारी किया गया था।
जुलाई, 2021 को जारी किया गया था अंतिम परिणाम
मुख्य परीक्षा में कुल 3,167 अभ्यर्थी सफल हुए थे। इन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। 14 जुलाई, 2021 को इंटरव्यू का परिणाम आया, जिसमें कुल 1,240 उम्मीदवार सफल रहे थे। इसके बाद आयोग ने बहाली प्रक्रिया के दौरान दिव्यांगों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिया। इसको लेकर अन्य उम्मीदवारों ने नाराजगी जताई। उन्होंने आयोग के इस कदम को मनमानी बताया और हाई कोर्ट में नए नियमों के खिलाफ याचिका दायर की।
क्या था याचिकाकर्ताओं का तर्क?
ललित कुमार और 7 अन्य अभ्यर्थियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि विज्ञापन प्रकाशित करने के बाद बहाली के नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता, लेकिन बहाली प्रक्रिया के दौरान दिव्यागों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। ये गलत है। विज्ञापन प्रकाशित होने के साथ ही आरक्षण की जानकारी देना चाहिए थी, लेकिन आयोग ने मनमानी करते हुए ऐसा नहीं किया।
आयोग ने क्या कहा?
आयोग का कहना है कि हाई कोर्ट के एक अन्य फैसले के बाद ही सामान्य प्रशासन विभाग ने 21 जनवरी, 2021 को दिव्यांगों को हर बहाली में 4 प्रतिशत आरक्षण देने की अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद ही असिस्टेंट इंजीनियर भर्ती नियमों में बदलाव किया गया और दिव्यांग वर्ग को आरक्षण देने के बाद परिणाम जारी किया गया था। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आवेदकों की याचिका को खारिज कर दिया।